आयोग ने इसी वर्ष 4 मई को, आयोग के मौजूदा 40 से अधिक मोबाइल और वेब अनुप्रयोगों को एकीकृत करने वाले एक नए वन-स्टॉप प्लेटफार्म ईसीआई-नेट विकसित किए जाने की घोषणा की थी।
आयोग ने इसी वर्ष 4 मई को, आयोग के मौजूदा 40 से अधिक मोबाइल और वेब अनुप्रयोगों को एकीकृत करने वाले एक नए वन-स्टॉप प्लेटफार्म ईसीआई-नेट विकसित किए जाने की घोषणा की थी।
खबर खास, चंडीगढ़ :
भारत निर्वाचन आयोग ने केरल, गुजरात, पंजाब और पश्चिम बंगाल राज्यों में पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में हाल ही में संपन्न उप-चुनावों में नए डिजिटल प्लेटफार्म ईसीआई-नेट को प्रचालित कर दिया है। आयोग ने इसी वर्ष 4 मई को, आयोग के मौजूदा 40 से अधिक मोबाइल और वेब अनुप्रयोगों को एकीकृत करने वाले एक नए वन-स्टॉप प्लेटफार्म ईसीआई-नेट विकसित किए जाने की घोषणा की थी। ये उप-चुनाव ईसीआई-नेट के कुछ मॉडयूलों के सफल कार्यान्वयन के साक्षी रहे, जो आने वाले सप्ताहों में पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ आयोग द्वारा मतदाताओं और अन्य हितधारकों के हित में चुनावी जानकारी को समय से और अपडेट तरीके से दिए जाने के उद्देश्य से की गई विभिन्न पहली में से एक है।
उन्होंने बताया कि इन उप-चुनावों के दौरान एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि पीठासीन अधिकारियों द्वारा पहले के मैन्युअल तरीकों के बजाए ईसीआई-नेट पर वीटीआर रूझान सीधे अपलोड किए गए। इससे सूचना को सुरंत सांझा करना संभव हुआ, पारदर्शिता बढ़ी और वीटीआर रूझानों को प्रकाशित करने में लगने वाले समय में भी अत्यधिक कमी आई। ईसीआई-नेट के माध्यम से यह सुनिश्चित हुआ कि पीठासीन अधिकारी अपना-अपना मतदान केन्द्र छोड़ने से पहले अंतिम वीटीआर आंकड़े अपलोड कर सके, जिसके परिणामस्वरूप ईसीआई-नेट पर जनता के लिए वीटीआर रूझानों की और तेजी से उपलब्ध सुनिश्चित हुई। उप-चुनावों के दौरान यह सुव्यवस्थित, प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणाली अनुमानित वोटर टर्नआडट प्रतिशत समय से अपडेट उपलब्ध कराने में सक्षम रही।
उन्होंने बताया कि ईसीआई-नेट प्रणाली प्रारंभ किए जाने का एक और महत्वपूर्ण परिणाम इंडेक्स कार्डों का अधिक तेजी से प्रकाशन रहा है, जिन्हें चुनाव परिणामों की घोषणा के 72 घंटों के भीतर उपलब्ध करा दिया गया। इंडेक्स कार्ड को डिजिटल बनाने और इसे जेनरेट करने की प्रक्रिया करने के निर्णय की घोषणा इसी महीने 5 जून को की गई थी। इस नई प्रणाली के तहत, इंडेक्स कार्ड के अधिकांश डेटा-फील्ड ईआईसी-नेट इनपुट का उपयोग करने से स्वतः भर जाते हैं। ईसीआई-नेट के प्रारंभ होने से पहले, इंडेक्स कार्ड के प्रकाशन में कई सप्ताह या कई महीनों का समय लग जाता था क्योंकि डाटा पदाधिकारियों द्वारा मैन्युअल तरीके से भरे और सत्यापित किए जाते थे।
उन्होंने बताया कि इंडेक्स कार्ड एक गैर-सांविधिक तथा चुनावों के बाद की जाने वाली सांख्यिकीय रिपोर्टिंग का फार्मेंट है। जिसे 1980 के दशक के उत्तरार्ध में आयोग द्वारा एक स्व-प्रेरणा से की गई पहल के रूप में विकसित किया गया था, जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, पत्रकारों और आमजन सहित सभी हितधारकों के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चुनाव-संबंधी डेटा तक पहुंच को और सुगम बनाना था। इन रिपोर्टों में उम्मीदवारों, निर्वाचकों, डाले गए मतों, दल-वार और उम्मीदवार-वार बोट शेयर, हिंग-आधारित मतदान पैटर्न, क्षेत्रीय विविधताओं और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन जैसे बहुआयामी डेटा शामिल होते हैं। इन रिपोर्टों को http://www.eci.gov.in/statistical-reports पर उप-चुनाव टैब पर देखा जा सकता है।
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