इसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों, चिकित्सा और खेल जगत से जुड़ी हस्तियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा पर गंभीर चिंतन करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए।