कहा, यह पर्व न केवल कारीगरों और श्रमिकों का सम्मान करने का अवसर है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि हर कार्य को यदि समर्पण और निष्ठा से किया जाए तो वही सच्ची पूजा बन जाता है।
कहा, यह पर्व न केवल कारीगरों और श्रमिकों का सम्मान करने का अवसर है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि हर कार्य को यदि समर्पण और निष्ठा से किया जाए तो वही सच्ची पूजा बन जाता है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने विश्वकर्मा दिवस पर भगवान विश्वकर्मा को नमन करते हुए कहा कि भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के प्रथम इंजीनियर और शिल्पकार थे। उनका जीवन हमें सृजन, परिश्रम और नवाचार की प्रेरणा देता है। यह पर्व न केवल कारीगरों और श्रमिकों का सम्मान करने का अवसर है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि हर कार्य को यदि समर्पण और निष्ठा से किया जाए तो वही सच्ची पूजा बन जाता है। आज का दिन मजदूरों, कारीगरों, इंजीनियरों और उद्योगों से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।
रणबीर गंगवा ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर बुधवार को श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा हिसार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा हमें सिखाते हैं कि ज्ञान और तकनीक का उपयोग समाज की भलाई और मानवता की प्रगति के लिए होना चाहिए। आज के युग में कौशल विकास और उद्यमिता, यह दोनों बेहद महत्वपूर्ण विषय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन दोनों विषयों को प्राथमिकता पर लिया है।
उन्होंने कहा कि आज की कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में, छात्रों के लिए कौशल विकास का सबसे अधिक महत्व है। केवल पारंपरिक शैक्षणिक ज्ञान पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। सफलता और एक संतुष्ट जीवन जीने के लिए छात्रों को विविध कौशल हासिल करने होंगे। सरकार कौशल विकास की योजनाओं और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। सरकार का मानना है कि कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में निवेश करना देश के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने की दिशा में किया गया निवेश है।
विकसित भारत के निर्माण की सोच के साथ आगे बढ़ते हुए पिछले दशक में उद्योग अनुकूल और श्रमिक कल्याण नीतियों के कारण हरियाणा ने भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक शक्ति केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री की सोच हरियाणा को ऐसा राज्य बनाने की है जहां युवाओं को शिक्षा के साथ सार्थक दिशा, उद्देश्य और अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएं। इसी सोच के साथ प्रत्येक विश्वविद्यालय को उद्योग भागीदारों के सहयोग कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शिक्षा और रोजगार के बीच का अंतर कम हो सके।
उन्होंने कहा कि अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष बनाया है। प्रदेश सरकार प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल महाविद्यालय और एक मॉडल कौशल विद्यालय स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है। नॉन-स्टॉप सरकार का संकल्प है: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्थक रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देना।
उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने समाज के लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था कायम की है जिसमें शिक्षित युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर नौकरी मिल सके। हरियाणा सिविल सर्विस की भर्ती का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल वर्तमान सरकार में ही संभव हो पाया है, जहां पर पढ़ने लिखने वाले युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर नौकरी मिल रही है। इसके अतिरिक्त पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।
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