आम आदमी पार्टी के लोक सभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में धमाकेदार भाषण दिया। कंग ने लोक सभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केन्द्र सरकार को जमकर लताड़ा और भाजपा को संविधान विरोधी करार दिया।
आम आदमी पार्टी के लोक सभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में धमाकेदार भाषण दिया। कंग ने लोक सभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केन्द्र सरकार को जमकर लताड़ा और भाजपा को संविधान विरोधी करार दिया।
कहा - संविधान पर चर्चा में भाजपा नेताओं ने अंबेडकर के बजाय अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का गुणगान किया, स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र तक नहीं किया
खबर खास, चंडीगढ़ :
आम आदमी पार्टी के लोक सभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में धमाकेदार भाषण दिया। कंग ने लोक सभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केन्द्र सरकार को जमकर लताड़ा और भाजपा को संविधान विरोधी करार दिया।
उन्होंने कहा कि आज संविधान पर चर्चा के दौरान बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, शहीद भगत सिंह, करतार सिंह सराभा और राजगुरु और चंद्रशेखर आजाद जैसे महान स्वतंत्रता सेनानीयों का गुणगान होना चाहिए था, लेकिन भाजपा नेता ने अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र तक नहीं किया गया।
कंग ने कहा कि मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मेरी पार्टी आम आदमी पार्टी संविधान निर्माता और स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान कर रही है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सभी सरकारी दफ्तरों में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की फोटो लगे।
कंग ने कहा कि जो संविधान आम लोगों को नागरिक अधिकार देता है। लोगों के स्वतंत्रता और समानता के अधिकारों की रक्षा करता है, लेकिन आज भाजपा सरकार उसे हर तरह से कुचलने का प्रयास कर रही है।
संविधान भारत को समाजवादी राज्य बताता है लेकिन भाजपा उसका उल्टा कर रही है। आज कॉरपोरेट घरानों के 13 लाख करोड़ से अधिक के कर्ज माफ किए जा रहे हैं वहीं देश के अन्नदाता किसान सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। संविधान धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करता है, लेकिन आज देश में जाति धर्म के आधार पर दंगे कराए जा रहे हैं। लोगों के साथ खाना पीना और कपड़ों के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जजों की भर्ती के लिए दो वरिष्ठ वकीलों की सिफारिश की तो केंद्र सरकार ने उन्हें इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि वे पगड़ीधारी सिख थे। उसी तरह किसान आंदोलन के दौरान सिखों को खालिस्तानी और देशद्रोही कहा गया।
इसी तरह संविधान संघवाद की वकालत करता है लेकिन आज राज्यों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। देश की संघीय सरंचना को कमजोर किया जा रहा है। चुनी हुई सरकारों की शक्तियां कम की जा रही हैं। दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को बहुत बड़ा जनादेश दिया, लेकिन भारत सरकार ने कई अलोकतांत्रिक संशोधन करके दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर दी। इसलिए आज देश को सबसे ज्यादा जरूरत देश की लोकतांत्रिक व संविधानिक व्यवस्था कायम रखने और धर्मनिरपेक्ष संस्कृति को मजबूत करने की है।
अपने भाषण में मलविंदर कंग ने मणिपुर में हो रही हिंसा और मंदिर- मस्जिद के नाम पर देश भर में हो रहे विवादों का भी जिक्र किया और एक जज के भड़काऊ भाषण का हवाला देते हुए कहा कि आज देश की सांप्रदायिक हालत बेहद गंभीर हालत में है। न्यायिक व्यवस्था भी खतरे में है। इस तरह की घटना संविधान की भावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि आज देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वायत्तता खतरे में है। जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है। उसका मजबूत होना बेहद जरूरी है। आज हम चुनाव आयोग की बात करें या न्यायपालिका की हर संस्थानों पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों एक जज ने सार्वजनिक रूप से सांप्रदायिक और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला भाषण दिया। इसलिए आज देश की लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करने की जरूरत है।
कंग ने चंडीगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा बलिदान दिया। स्वतंत्रता संग्राम में सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब और पश्चिम बंगाल को हुआ, लेकिन बेहद आश्चर्यजनक है कि आज उस पंजाब को अपनी राजधानी चंडीगढ़ नहीं दी जा रही है। हमें आज इसपर सोचने की जरूरत है।
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