आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में ''इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल - 2025" पर अपने विचार रखे और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में ''इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल - 2025" पर अपने विचार रखे और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
कहा - पुलिस और सुरक्षाबलों को ज्यादा ताकत देना चिंताजनक
कहा - पंजाब के लगभग हर परिवार का कोई न कोई सदस्य विदेश में रहता है और वे अक्सर हरमंदिर साहिब- आनंदपुर साहिब के दर्शन करने आते हैं, इस कानून से उनको परेशानी हो सकती है
खबर खास, चंडीगढ़ :
आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में ''इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल - 2025" पर अपने विचार रखे और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
मलविंदर कंग ने कहा कि बिल के नकारात्मक पहलुओं पर सरकार को विचार करना चाहिए और इससे जुड़ी चिंताओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिल में पुलिस और सुरक्षाबलों को ज्यादा ताकत दी गई है। अगर छोटे अधिकारियों को कार्रवाई या जांच की शक्ति मिल जाएगी तो एनआरआई के उत्पीड़न की संभावना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लगभग हर परिवार का कोई न कोई सदस्य विदेश में रहता है और वे अक्सर हरमंदिर साहिब और आनंदपुर साहिब जैसे धार्मिक स्थलों के दर्शन एवं पंजाब से जुड़ाव के कारण भारत आते हैं। इस कानून के लागू होने से उनको परेशानी हो सकती है।
आप सांसद ने कहा कि इस तरह के विधेयकों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि बिल में सरकार की चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर होती है, लेकिन असल में इसका मकसद राजनीतिक फायदा उठाना होता है। इसलिए मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस बिल पर पुनर्विचार किया जाए और इसमें उचित संशोधन किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यह विधेयक पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को सशक्त बनाता है, सरकार को इसे हटाने की आवश्यकता है। यहां के लाखों लोग, जो दूसरे देशों के नागरिक हैं, यहां मेडिकल ट्रीटमेंट, एजुकेशन, टूरिज्म और धार्मिक दर्शन के लिए आते हैं। पुलिस को ज्यादा ताकत देने से उनको परेशानी होगी क्योंकि पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसलिए इस पर विचार करना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि 2020-21 में जब किसान आंदोलन चल रहा था, तब दुनिया भर में बसे पंजाबियों ने संघर्ष कर रहे किसानों की आर्थिक मदद की थी, जिससे आंदोलन और मजबूत हुआ। उस समय भी सरकार ने कुछ लोगों को जानबूझकर वापस भेज दिया था।
इसी तरह पिछले दिनों अमेरिका ने हमारे सैकड़ो लोगों को डिपोर्ट किया। वे कोई अपराधी नहीं थे। उनमें से अधिकतर छात्र थे। वे बेहतर जिंदगी की तलाश में वहां गए थे। उसमें हरियाणा, पंजाब और गुजरात के ज्यादा के लोग थे। लेकिन जिस तरह उन्हें वहां गिरफ्तार किया गया और हथकड़ियां पहनाई गईं, फिर बेड़ियां बांधकर जहाज से भेजा गया, उससे पूरी दुनिया में हमारा मजाक बना और देश को शर्मिन्दा होना पड़ा। इसलिए मेरा आग्रह है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि दोबारा ऐसा न हो।
आप सांसद ने विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की अपील की ताकि इस पर पूरी गंभीरता से विचार हो सके और सभी पहलुओं की गहराई से जांच हो सके।
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