पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज यहां बताया कि पंजाब सरकार के "स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम" को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 4 अप्रैल को शुरू हुए इस प्रोग्राम के महज तीन दिनों के भीतर ही 100 आईएएस, आईपीएस और पीसीएस सहित अन्य अफसरों ने स्कूलों के लिए अपनी सेवाएं देने हेतु आवेदन किया है।
स्कूलों के चयन के लिए आई अर्जियों में से 50 प्रतिशत युवा अधिकारी: हरजोत बैंस
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज यहां बताया कि पंजाब सरकार के "स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम" को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 4 अप्रैल को शुरू हुए इस प्रोग्राम के महज तीन दिनों के भीतर ही 100 आईएएस, आईपीएस और पीसीएस सहित अन्य अफसरों ने स्कूलों के लिए अपनी सेवाएं देने हेतु आवेदन किया है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने इस तरह का पहला "स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम" शुरू किया है, जिसके तहत स्कूली विद्यार्थियों को जीवन में ऊँचे लक्ष्य तय करने की प्रेरणा देने और मार्गदर्शन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के सपनों और अवसरों के बीच की दूरी को समाप्त करना है।
आज पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बैंस ने बताया कि विभाग को प्राप्त आवेदनों के विस्तृत विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से आधे से अधिक आवेदन युवा अधिकारियों के हैं, जिनमें विशेष रूप से 2015 से 2024 के बीच लोक सेवा में आए अधिकारी शामिल हैं। विभाग को प्राप्त 100 आवेदनों में से 41 आईएएस अधिकारियों के हैं, जिनमें 2005 से पहले के बैचों के 7, 2005-2015 के बैचों के 14 और 2016 के बाद के बैचों के 20 अधिकारी शामिल हैं। इसी तरह, इस पहल में 48 आईपीएस अधिकारी शामिल हुए हैं, जिनमें 2005 से पहले के बैचों के 9, 2005-2015 के बैचों के 16 और 2016 के बाद के बैचों के 23 अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, 3 पीसीएस अधिकारी और 8 अन्य अधिकारियों ने भी इस विशेष पहल में रुचि दिखाई है।
बैंस ने इस प्रोग्राम में बड़ी संख्या में अधिकारियों की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पठानकोट, तरनतारन और फिरोजपुर सहित सीमावर्ती, दूर-दराज़ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के लिए भी अधिकारियों ने भरपूर रुचि दिखाई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस नेक काम के लिए इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों का आगे आना वास्तव में प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों द्वारा स्कूली विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने से पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह प्रोग्राम इच्छुक अधिकारियों के लिए अभी भी खुला है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी स्कूल का चयन करना चाहते हैं, वे 20 अप्रैल, 2025 तक गूगल फॉर्म (लिंक: https://forms.gle/V4kcHjjVfsomdJz9A) भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेंटर अधिकारियों के प्रयासों को सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय शिक्षा समागमों में उनके शानदार योगदान को मान्यता दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मेंटर अधिकारी अपने चुने हुए स्कूलों का दौरा कर विद्यार्थियों की करियर काउंसलिंग, एक्सपोज़र विज़िट, नवीन शिक्षण तकनीकों पर शिक्षकों की ट्रेनिंग, स्कूल में अभिभावकों की भागीदारी को बढ़ावा देना, आधुनिक विचारों को लागू करना और स्कूलों के शिक्षण वातावरण को और बेहतर बनाने में सहायता करेंगे। अधिकारी विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रिंसिपलों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने और महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने हेतु सलाहकार की विशेष भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिक्षक नवाचार आधारित शिक्षण तकनीकों को अपनाने तथा स्कूल के बुनियादी ढांचे, संसाधनों और एक्सपोज़र अवसरों में सुधार के लिए इन अधिकारियों के अनुभव और नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे।
विधायक जौड़ामाजरा की शिक्षकों को लेकर टिप्पणियों की बैंस ने कड़े शब्दों में की निंदा
बैंस ने पटियाला ज़िले में कल करवाए गए "शिक्षा क्रांति" समागम के दौरान विधायक चेतन सिंह जौड़ामाजरा द्वारा की गई टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा की। पंजाब सरकार की राज्य के अध्यापकों को सम्मान देने की वचनबद्धता को दोहराते हुए बैंस ने कहा कि सभी को शिक्षकों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के लिए एक सहयोगी और सुखद वातावरण सृजित करने हेतु समर्पित है, जिसमें वे अपनी सेवाओं को और बेहतर ढंग से निभा सकें।
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