अधिकारियों से नेक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील; संकट की घड़ी में लोगों की सहायता करने की जिम्मेदारी पर जोर
अधिकारियों से नेक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील; संकट की घड़ी में लोगों की सहायता करने की जिम्मेदारी पर जोर
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के बाद विभिन्न कस्बों और शहरों में चल रहे सफाई, राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की।
शहरी स्थानीय निकायों (यू.एल.बी.) के आयुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रावी, ब्यास, सतलुज और घग्गर जैसी नदियों तथा उनकी सहायक नदियों के किनारे बसे कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में भारी बारिश के कारण अनेक कस्बों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। मुख्यमंत्री ने प्रभावित शहरी क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तुरंत सफाई, पीने योग्य पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पानी भरे क्षेत्रों में कीचड़, रेत और मलबा जमा होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष सफाई अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी स्थानीय निकायों को अपने मौजूदा अमले का बेहतर उपयोग करने और इस नेक कार्य के लिए समर्पित टीमें गठित करने के आदेश दिए। डेंगू, मलेरिया जैसी बरसाती बीमारियों की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर फॉगिंग करवाने की महत्ता पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग स्टाफ को क्षतिग्रस्त सार्वजनिक और निजी संपत्तियों, जैसे मकान, दुकानें और अन्य ढाँचे का तुरंत सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट डिप्टी कमिश्नरों को सौंपी जाए ताकि उपयुक्त राहत और मुआवज़े हेतु राज्य सरकार तक भेजी जा सके। मुख्यमंत्री ने जल आपूर्ति योजनाओं, स्ट्रीट लाइटों, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एस.टी.पी.) और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत तुरंत शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़कों की बड़ी मरम्मत या गड्ढे भरने का काम मॉनसून समाप्त होने के बाद ही शुरू होना चाहिए।
उन्होंने सभी शहरी निकायों को प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कार्यों की सूची तैयार करने, समयसीमा तय करने और प्रत्येक कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। सार्वजनिक धन के पारदर्शी और विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए स्थानीय युवा क्लबों, एन.जी.ओ. और सामाजिक संगठनों को जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न शहरी क्षेत्रों, विशेषकर बड़े कस्बों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों के समन्वय हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के नाम और संपर्क नंबर शहरवासियों के साथ साझा किए जाएँ। साथ ही, उन्होंने राहत और पुनर्वास प्रयासों की रिपोर्टिंग व सत्यापन में मदद के लिए पेस्को के पूर्व सैनिकों को शामिल करने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नगर निगमों से संबंधित सभी गतिविधियों की जिम्मेदारी आयुक्तों पर होगी। इसी प्रकार, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास/जनरल) अपने-अपने जिलों में नगर परिषदों और नगर पंचायतों द्वारा किए जा रहे राहत व पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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