मंगलवार को राज्यसभा में बजट चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला और मिडिल क्लास, रेलवे, और प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को खुलकर सामने रखा।
मंगलवार को राज्यसभा में बजट चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला और मिडिल क्लास, रेलवे, और प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को खुलकर सामने रखा।
सांसद ने मिडिल क्लास के कंकाल पर पांच बिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाना चाहती है सरकार
बोले- मिडिल क्लास को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझती है सरकार
राघव चड्ढा बोले- रेल मंत्री को रेल से ज्यादा रील्स में है दिलचस्पी, यात्रियों की असल समस्याओं पर नहीं है कोई ध्यान
खबर खास, नई दिल्ली/चंडीगढ़ :
मंगलवार को राज्यसभा में बजट चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला और मिडिल क्लास, रेलवे, और प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को खुलकर सामने रखा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सरकार मिडिल क्लास को आत्मा-रहित संरचना समझती है, जिसकी हड्डियों के ढेर पर चढ़कर पांच बिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाना चाहती है।
मिडिल क्लास की हो रही अनदेखी, अमीरों के कर्जे हो रहे माफ
राघव चड्ढा ने अपने भाषण में कहा, "गरीबों को सब्सिडी और स्कीम्स मिल जाती हैं, अमीरों के कर्ज माफ कर दिए जाते हैं, लेकिन मिडिल क्लास को कुछ नहीं मिलता। सरकार सोचती है कि मिडिल क्लास के पास कोई सपने और अरमान नहीं हैं। इसे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझा जाता है, जिसे बार-बार निचोड़ा जाता है।"
उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, तो मांग भी बढ़ रही है, लेकिन यह मांग मिडिल क्लास से ही है जिसकी जेबें खाली हैं। जनगणना और सर्वेक्षण भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि मिडिल क्लास के अपने सपने और अरमान होते हैं, और उनके बच्चों की आंखों में ख्यालों का आसमान होता है। उन्होंने कहा, "1989 में अमेरिका में फिल्म 'हनी, आई श्रंक द किड्स' आई थी, और 2025 में भारत में फिल्म बनेगी 'हनी, आई श्रंक इंडियाज मिडिल क्लास'।"
सांसद राघव चढ्डा ने कहा, 87,762 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की मांग के लिए विधेयक का विनियोजन किया गया है। लेकिन यह राशि कहां से आएगी और इसका बोझ किस पर डाला जाएगा? उन्होंने कहा, "मिडिल क्लास वो वर्ग है जिससे हर बार वसूली की जाती है। नई संसद बनानी हो या अन्य खर्चे, सबकी भरपाई मिडिल क्लास से की जाती है।"
राघव चड्ढा ने कहा कि रिपोर्ट्स बताती हैं कि मिडिल क्लास की खर्च करने की क्षमता और उपभोग में कमी आई है। उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि '12 लाख रुपये कर योग्य आय = कोई कर नहीं।' लेकिन यह छूट भी उतनी सरल नहीं है। यदि आप 12 लाख से अधिक कमाते हैं, जैसे कि 12.10 लाख रुपये कमाते हैं, तो आपको स्लैब के अनुसार टैक्स भरना होगा।"
सरकार के लिए मिडिल क्लास सोने का अंडा देने वाली मुर्गी
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भारत की 140 करोड़ आबादी में से केवल 6.68% लोग ही इन छूटों का लाभ उठा पाते हैं। 8 करोड़ भारतीय कर दाखिल करते हैं, लेकिन उनमें से 4.90 करोड़ लोग शून्य आय दिखाते हैं, और केवल 3.10 करोड़ लोग ही टैक्स भुगतान करते हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि टैक्स का असली बोझ मिडिल क्लास पर ही है।
उन्होंने कहा, "मिडिल क्लास उस मुर्गी की तरह है जो सोने का अंडा देती है, लेकिन सरकार उसे भी खुश नहीं रखती।"
मिडिल क्लास के अरमान टैक्स के बोझ तले दबे
राघव चड्ढा ने कहा कि मिडिल क्लास सबसे बड़ा टैक्सदाता है लेकिन उसे सबसे कम लाभ मिलता है। सैलरी बढ़ती नहीं, बचत नहीं हो पाती, और महंगाई लगातार बढ़ती जाती है। जब खाद्य पदार्थों की महंगाई 8 फीसदी से अधिक बढ़ती है, तो वेतन वृद्धि 3 फीसदी से भी कम होती है।
महंगाई और कर्ज के जाल में फंसा मिडिल क्लास
राघव चड्ढा ने कहा कि मिडिल क्लास सबसे बड़ा टैक्सदाता है लेकिन उसे सबसे कम लाभ मिलता है। सैलरी बढ़ती नहीं, बचत नहीं हो पाती, और महंगाई लगातार बढ़ती जाती है। जब खाद्य पदार्थों की महंगाई 8% से अधिक बढ़ती है, तो वेतन वृद्धि 3% से भी कम होती है।
रेलवे बुजुर्गों को फिर से दे सब्सिडी
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि देश को कुछ बुलेट ट्रेनों की नहीं, बल्कि हजारों किफायती सामान्य ट्रेनों की जरूरत है। महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में लोग सस्ती यात्रा चाहते हैं, न कि महंगी हाई-स्पीड ट्रेनें। 2020 में रेलवे ने बुजुर्गों की यात्रा सब्सिडी बंद कर दी, जिससे 150 मिलियन सीनियर सिटिजंस प्रभावित हुए। राघव चड्ढा ने सवाल उठाया कि क्या हमारी रेलवे अब इतनी निर्मम हो गई है कि बुजुर्गों की सूखी हड्डियों को निचोड़कर पैसा कमाना पड़ रहा है? रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों का सपना होता है तीर्थ यात्रा करने का, लेकिन सरकार ने उनसे ये सुविधा भी छीन ली।
भारतीय प्रवासियों की दुर्दशा पर चुप क्यों है सरकार
104 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा, "भारतीयों को हवाई जहाज में हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर लाया गया। यह मानवता के खिलाफ है। सरकार को इस पर कड़ा विरोध जताना चाहिए था, लेकिन हमारे विदेश मंत्रालय ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।" वहीं, कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो ने जब सुना कि अमेरिका की सेना प्रवासियों से भरे विमान के साथ आ रही है, तो उन्होंने विमान को उतरने से मना कर दिया। इसके बजाय, वह स्वयं विमान पर चढ़ गए और कोलंबिया में ‘सम्मानजनक जीवन’ का आश्वासन दिया।
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