हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शनिवार को मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की गरिमामयी उपस्थिति में कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर, 2024 तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए ओडिशा पार्टनर राज्य है, जबकि संयुक्त गणराज्य तंजानिया पार्टनर देश है।
गीता महोत्सव को सामाजिक आयोजन बनाने के लिए किए जाएं प्रयास: राज्यपाल
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आध्यात्मिक संगठनों को भी किया जाए शामिल: मुख्यमंत्री सैनी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शनिवार को मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की गरिमामयी उपस्थिति में कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर, 2024 तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए ओडिशा पार्टनर राज्य है, जबकि संयुक्त गणराज्य तंजानिया पार्टनर देश है।
दत्तात्रेय ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को सामाजिक आयोजन बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को एक सामाजिक आयोजन बनाने के लिए प्रयास किए जाएं, जहां राज्य सरकार सहायक की भूमिका निभाए और महोत्सव से संबंधित हर प्रकार का प्रबंधन समाज के विभिन्न हितधारकों द्वारा किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि देश भर से प्रमुख आध्यात्मिक शख्सियतों को भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आमंत्रित किया जाना चाहिए। भारत के दक्षिणी राज्यों तक भी इस भव्य आध्यात्मिक आयोजन की अधिक से अधिक जानकारी पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित आध्यात्मिक शख़्सियतों को आमंत्रित करके करके और डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग करके हम इस आयोजन की पहुंच को और बढ़ा सकते हैं।
दत्तात्रेय ने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (केडीबी) के संरचनात्मक दायरे को व्यापक बनाने की भी आवश्यकता है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की शख्सियतों को इसके सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। साथ ही, कुछ महिलाओं को भी केडीबी का सदस्य नियुक्त किया जाना चाहिए, ताकि महिलाओं की भी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में महिलाओं के लिए एक समर्पित कार्यक्रम होना चाहिए। इसी प्रकार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे समाज के वंचित वर्गों के अधिक से अधिक बच्चों को भी गीता पाठ के लिए आकर्षित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन में अधिक से अधिक हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस महोत्सव में निरंकारी मिशन, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस स्वयंसेवकों जैसे सामाजिक और आध्यात्मिक संगठनों को शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए, जिससे अधिक से अधिक जन भागीदारी हो सके। इसके अलावा, ऑनलाइन गीता क्विज और अन्य शीर्ष प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित भी किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन में प्रवासी भारतीयों और उद्योगपतियों को भी जोड़ने के प्रयास किए जाएं, ताकि उनके माध्यम से गीता का शाश्वत संदेश विश्व के अन्य देशों तक भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छता अभियान और सौंदर्यीकरण कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास पूरी तरह से साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए, जिससे आगंतुकों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। उन्होंने कहा कि ज्योतिसर में पेड़ों को रोशनी से जगमगया जाए ताकि देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु इस मनोरम दृश्य को देख यहां की स्मृतियां अपने साथ संजो सकें।
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