पीपीसीबी विकास के साथ-साथ उद्योगों द्वारा सुरक्षित तकनीक अपनाने और स्थायी विकास सुनिश्चित करने के लिए दृढ़
पीपीसीबी विकास के साथ-साथ उद्योगों द्वारा सुरक्षित तकनीक अपनाने और स्थायी विकास सुनिश्चित करने के लिए दृढ़
खबर खास, चंडीगढ़ :
पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक गतिविधियों को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने राज्यभर में सभी टायर पायरोलेसिस ऑयल (टीपीओ) यूनिटों का व्यापक निरीक्षण किया।
पंजाब के विभिन्न जिलों में स्थित 17 टीपीओ यूनिटों के एक साथ निरीक्षण के लिए पर्यावरण अभियंता रैंक के अधिकारियों सहित 17 टीमें तैनात की गई थीं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इन निरीक्षणों का उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा उपायों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और कानून व निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण उपायों के अनुपालन का मूल्यांकन करना था।
निरीक्षण से पता चला कि 17 में से 11 यूनिट निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन नहीं कर रही थीं। आम उल्लंघनों में उचित वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की कमी, पायरो गैस का असुरक्षित प्रबंधन और गंदे पानी के प्रबंधन में खामियां शामिल थीं।
इन उल्लंघनों पर सख्त संज्ञान लेते हुए पीपीसीबी ने अनुपालन न करने वाली यूनिटों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस जारी किए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ सतत विकास और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने संकल्प को दोहराया। प्रवक्ता ने आगे कहा कि बोर्ड उद्योगों द्वारा सुरक्षित तकनीकों को अपनाने के लिए दृढ़ है।
टायर पायरोलेसिस में टायर पायरोलेसिस ऑयल (टीपीओ) और कार्बन ब्लैक को उप-उत्पाद के रूप में तैयार करने के लिए ऑक्सीजन-रहित परिस्थितियों में अपशिष्ट टायरों को प्रोसेस करना शामिल है। यदि इन यूनिटों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार नहीं चलाया जाता है, तो ये यूनिटें गंभीर पर्यावरणीय खतरों जैसे कि काले धुएं का उत्सर्जन, पायरो गैस का असुरक्षित प्रबंधन और गंदे पानी के सही तरीके से निपटान न होने का कारण बन सकती हैं।
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