सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अमित तलवाड़ ने सरकारी विभागों में योजनाबद्ध डेटा सुरक्षा ढांचे पर दिया जोर
सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अमित तलवाड़ ने सरकारी विभागों में योजनाबद्ध डेटा सुरक्षा ढांचे पर दिया जोर
खबर खास, चंडीगढ़ :
नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), पंजाब द्वारा डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डी पी डी पी) एक्ट पर एक व्यापक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इस नए कानून के कार्यान्वयन से संबंधित रणनीतियों पर चर्चा की।
सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अमित तलवाड़ ने सत्र का उद्घाटन किया और सरकारी विभागों में योजनाबद्ध डेटा सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला के दौरान सरकारी आईटी एप्लिकेशन और डिजिटल सेवाओं में डी पी डी पी एक्ट की अनुपालना के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
एनआईसी मुख्यालय से डिप्टी डायरेक्टर जनरल प्रशांत कुमार मित्तल ने डीपीडीपी एक्ट के प्रावधानों और नियमों पर तकनीकी जानकारी साझा की और अधिकारियों को प्राइवेसी गवर्नेंस और कार्यान्वयन प्रोटोकॉल के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम में सरकारी प्रणालियों के लिए डेटा न्यूनता, सहमति प्रबंधन और सुरक्षित प्रोसेसिंग से संबंधित आवश्यकताओं पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।
स्टेट इन्फॉर्मेटिक्स ऑफिसर विवेक वर्मा (पंजाब), सरबजीत सिंह (हरियाणा) और रमेश गुप्ता (चंडीगढ़) ने अपनी तकनीकी टीमों के साथ कार्यशाला में भाग लिया, जो पूरे क्षेत्र में डेटा सुरक्षा के मानकीकरण की दिशा में सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।
इस सत्र में डेटा गवर्नेंस एवं रणनीति प्रभाग के प्रमुख मुकेश गुप्ता और सलाहकार आकाश अग्रवाल ने गोपनीयता ढांचे के कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस दौरान अधिकारियों ने कार्यान्वयन की चुनौतियों और सरकारी डेटा प्रबंधन हेतु सर्वोत्तम व्यवहारों पर भी चर्चा की।
तकनीकी सत्रों में प्रबंधन कार्यप्रवाह, अनुपालन आवश्यकताएं और मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे में गोपनीयता सुरक्षा के एकीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विचार किया गया। इस कार्यशाला ने अधिकारियों को सरकारी प्रणालियों में डी पी डी पी प्रावधानों को लागू करने से जुड़े व्यावहारिक प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचे को लागू करने के संदर्भ में राज्य सरकार की विस्तृत तैयारी का हिस्सा था। अधिकारियों ने सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं और नागरिक-केंद्रित एप्लिकेशनों में नैतिक डेटा हैंडलिंग के प्रति सामूहिक जिम्मेदारियों पर विचार साझा किया।
स्टेट इन्फॉर्मेटिक्स ऑफिसर विवेक वर्मा के नेतृत्व में गठित प्रबंधन समिति में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ऊषा राय, दिनेश शर्मा, संजय साहनी और पंकज जैन शामिल थे, जिन्होंने इस बहु-प्राधिकृत प्रशिक्षण पहल में समन्वय स्थापित किया।
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