भूजल के बेशकीमती पानी की 15 से 20 प्रतिशत बचत करने के उद्देश्य से एक और कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज धान की सीधी बुआई की शुरुआत की, जो किसानों की आय में बड़े वृद्धि के अलावा भूजल के गिरते स्तर को बचाने के लिए प्रेरक के रूप में काम करेगी।
                                 
                                
                                    
                                                                                    
015 से 20 प्रतिशत पानी की बचत का लक्ष्य, 1500 रुपये प्रति एकड़ सहायता, लाभकारी और टिकाऊ खेती को बड़ा बढ़ावा
खबर खास, चंडीगढ़ :
भूजल के बेशकीमती पानी की 15 से 20 प्रतिशत बचत करने के उद्देश्य से एक और कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज धान की सीधी बुआई की शुरुआत की, जो किसानों की आय में बड़े वृद्धि के अलावा भूजल के गिरते स्तर को बचाने के लिए प्रेरक के रूप में काम करेगी।
यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना कार्यकाल संभालने के बाद हमारी सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई अनुकरणीय पहल की हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य के तहत राज्य सरकार ने धान की सीधी बुआई के माध्यम से खेती करने को प्रोत्साहित किया है और आज से इस योजना के तहत धान की बुआई शुरू हो गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य इस खरीफ सीजन के दौरान पांच लाख एकड़ रकबे को धान की सीधी बुआई के तहत लाना है।
इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने की किसानों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल एक तरफ कृषि को चिरस्थायी बनाने को प्रोत्साहित करेगी, दूसरी तरफ भूजल बचाने में मददगार होगी। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि यह उनके लिए बेहद गर्व और संतोष की बात है कि राज्य सरकार धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय मदद दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस उद्देश्य के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट भी रखा है। उन्होंने कहा कि इच्छुक किसान धान की सीधी बुआई के लिए 10 मई से 30 जून 2025 तक ऑनलाइन पोर्टल agrimachinerypb.com पर रजिस्टर कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से राज्य में भूजल की 15 से 20 प्रतिशत बचत होगी। इसके अलावा कृषि के अतिरिक्त खर्चे भी घटेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि धान की सीधी बुआई की तकनीक राज्य के लिए बड़ा वरदान है क्योंकि यह भूजल के गिरते स्तर को बचाने में मददगार होने के साथ-साथ प्रति एकड़ लगभग 3500 रुपये की मजदूरी की भी बचत करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को आगे आकर इस योजना को अपनाना चाहिए ताकि वे सही तरीके से धरती मां के प्रति अपना फर्ज निभा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को मौजूदा कृषि संकट से निकालने और राज्य का भूजल बचाने के लिए हमेशा से संवेदनशील रही है। उन्होंने कहा कि राज्य ने अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन धरती और पानी का अंधाधुंध उपयोग करके देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई। भगवंत सिंह मान ने अफसोस जताया कि आज के दौर में कृषि अब लाभकारी धंधा नहीं रहा क्योंकि बढ़ती कृषि लागत और उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) न मिलने के कारण किसान गंभीर कृषि संकट का सामना कर रहे हैं।
                                                                            
                                 
                                                                                                                                                            
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