कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुमे, यह पूछना बेईमानी है: राजनाथ देश जानना चाहता है कि पांच दहशतगर्द पहलगाम में कैसे घुसे-गौरव गोगोई पूछा- देश आज पीओके नहीं लेगा तो कब लेगा?
कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुमे, यह पूछना बेईमानी है: राजनाथ देश जानना चाहता है कि पांच दहशतगर्द पहलगाम में कैसे घुसे-गौरव गोगोई पूछा- देश आज पीओके नहीं लेगा तो कब लेगा?
खबर खास, नई दिल्ली :
लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई। इस चर्चा की शुरूआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि 'हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया।' अपने 55 मिनट के भाषण के दौरान रक्षामंत्री ने कहा कि हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने किसी के दबाव में पाकिस्तान से सीजफायर नहीं किया।
राजनाथ सिंह ने कहा- विपक्ष पूछ रहा है कि युद्ध में हमारे कितने फाइटर जेट गिरे? उन्होंने यह नहीं पूछा कि हमारे सशस्त्र बलों ने दुश्मनों के कितने जेट गिराए? परीक्षा में रिजल्ट की अहमियत होती है। कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुमे, यह पूछना बेईमानी है।
वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि हम सरकार से सवाल पूछेंगे। देश जानना चाहता है कि 5 दहशतगर्द पहलगाम में कैसे घुसे? उनका क्या मकसद था? सरकार कहती है हमारा मकसद युद्ध नहीं था। हम जमीन पर कब्जा करना नहीं चाहते थे। हम पूछेंगे, क्यों नहीं था। होना चाहिए था। पीओके आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे।'
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी एक बार अपने एक्स हैंडल पर यह पोस्ट क्यों नहीं करते कि सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो कहा, वह गलत है। ट्रम्प के सामने उनका सीना 56 इंच से 36 इंच का हो जाता है। वे ट्रम्प से इतना डरते क्यों हैं?'
संसद में 11 बजे से कार्यवाही शुरू हुई थी। पहले विपक्ष ने बिहार वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े स्पेशल इंटेसिव रिवीजन मुद्दे पर हंगामा किया। सदन को तीन बार स्थगित किया गया था। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई।
इसपर राजनाथ सिंह ने कहा कि 6-7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी और कायराना हमला हुआ। 26 निर्दोष लोगों को जान गई। धर्म पूछकर गोली मारी गई। यह घृणित काम था। यह भारत की सहनशक्ति की परीक्षा थी। प्रधानमंत्री की बैठक में सेनाओं को छूट दी गई कि वे निर्णायक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए हमने कई बातों पर विचार किया। पाकिस्तान के आम लोगों को कोई क्षति न हो, इसका ध्यान रखा गया। हमने पाकिस्तान के 9 आतंकी टारगेट्स को सटीकता (प्रिसीजन) से नष्ट किया। 100 से ज्यादा आतंकी, ट्रेनर, हैंडलर मारे गए। आईएसआई का इन्हें खुला समर्थन था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर के ठिकानों को नष्ट किया। पूरे 22 मिनट में ऑपरेशन पूरा कर लिया। आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। यह सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है, भारत के मस्तक पर वीरता की निशानी है। सेनाओं ने अंधेरे के बावजूद सबूत भी जुटाए हैं। प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से इन्हें जारी भी कर दिया है। सुरक्षाबल इसे पूरा करने में पूरी तरह कामयाब रहे। रात 1.35 बजे भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तान के डीजीएमओ से बात की और कार्रवाई की जानकारी दी। ये हमले एस्केलेटरी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ट्राई सर्विस कोऑर्डिनेशन का बेहतरीन उदाहरण है। तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान की हरकतों का करारा जवाब दिया। नौसेना ने उत्तरी सागर में तैनाती मजबूत कर दी। हमने दिखाया कि समुद्र से लेकर जमीन पर हमला करने में सक्षम हैं। कार्रवाई इसलिए रोकी कि जो भी ऑब्जेक्ट्स तय किए गए थे, वे हासिल कर लिए गए।
राजनाथ सिंह ने कहा- हमारी कार्रवाई पूरी तरह से सेल्फ डिफेंस में थी। वह उकसाने वाली कार्रवाई नहीं थी। पाकिस्तान ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का सहारा लिया। उनके निशाने पर हवाई अड्डे समेत कई निशाने थे। भारत ने इन सबको विफल कर दिया। पाकिस्तान भारत की किसी भी चीज को हाथ नहीं लगा पाया। भारत ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान के मुकाबले हमारी कार्रवाई ठोस और प्रभावी थी। उन्होंने कहा कि सीमा पार करना या कैप्चर करना उद्देश्य नहीं था। कार्रवाई का मकसद सालों से पाले-पोसे जा रहे आतंकियों को निशाना बनाना था। ऑपरेशन सिंदूर में सेनाओं को आजादी दी गई कि वे ऑब्जेक्ट्स खुद चुनें।
वहीं, कांग्रेस सांसद ने कांग्रेस की ओर से चर्चा में कहा कि इस चर्चा की विशेष मांग यह है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए। पहलगाम हमले, आपरेशन सिंदूर और विदेश नीति की सच्चाई सामने आनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने बहुत सी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने रक्षा मंत्री होने के नाते ये नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए। कैसे 5 दहशतगर्दों ने 26 पर्यटकों को छलनी कर दिया, ये राजनाथ सिंह ने नहीं बताया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि हम देश हित में सवाल पूछेंगे। देश जानना चाहता है कि 5 आतंकी देश में कैसे घुसे। पाकिस्तान से आए दहशतगर्दों का क्या मकसद था। वे भारत में सांप्रदायिक तनाव को जन्म देना चाहते थे। भारत और पाकिस्तान में टकराव चाहते थे। राजनाथ सिंह ने सैनिकों की बात तो की, लेकिन उन्होंने दहशतगर्दों की मंशा का जिक्र नहीं किया। हमने देखा कि किस तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पर्यटकों की मदद की। देश भर के लोगों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद कहा। ये हमारे देश की संस्कृति है।
गोगोई ने कहा कि मैं गर्व महसूस करता हूं सभी विपक्षी दल ने एकजुट होकर कहा कि हम सरकार का साथ देंगे। लेकिन हम जानना चाहते हैं, देश जानना चाहती है कि 100 दिन गुजर गए, लेकिन 5 दहशतगर्दों को सरकार पकड़ नहीं पाई। उन्होंने कहा कि मैं वो नजारा भूल नहीं सकता कि एक मां और बेटी चल के आ रहे थे, उन्होंने एक सिपाही से कहा कि हमें छोड़ दो। क्योंकि आतंकी सेना की यूनिफॉर्म में आए थे। उस सिपाही को कहना पड़ा कि तुम डरो मत, मैं सिपाही हूं। इस डर के ऊपर एक शब्द दो कहते आप।
उन्होंने कहा कि सरकार में अंहकार आ चुका है। उन्हें लगता है कि चाहे जितनी भी बड़ी गलती हो जाए, कोई सवाल नहीं उठाएगा। लेकिन हम सवाल करेंगे। पीएम मोदी सउदी अरब में थे। वे वापस आए, लेकिन पहलगाम नहीं गए। बिहार में जाकर चुनावी भाषण दिया। उनका फर्ज था कि वे पहलगाम जाते।
गौरव गोगोई बोले मुझे पता नहीं चल रहा था कि राजनाथ सिंह तो भाषण दे रहे थे, वो किस घटना को उजागर कर रहे थे। क्या उन्होंने 2016 के बाद नहीं कहा कि हम घुस कर मारेंगे। पुलवामा के वक्त भी उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब कभी आंख नहीं दिखा सकता। अब भी कह रहे कि ऑपरेशन सिंदूर कंप्लीट नहीं हुआ, क्योंकि पाकिस्तान आगे कुछ कर सकता है। फिर सफल क्या हुआ। आप कह रहे हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछते हैं क्यों नहीं था।
हमारे लड़ाकू विमानों ने पास जाकर हमला क्यों नहीं किया
गोगोई ने कहा- मैं इतिहास की लाइनें नहीं पढ़ना चाहूंगा। मैं सेना के अफसरों की बातें सदन में पढ़ना चाहूंगा। जो बातें हमें देश में सुनना चाहिए, वे सीडीएस ने सिंगापुर में ब्लूमबर्ग से जाकर कही। उन्होंने कहा कि हमने हमारी गलतियों को समझा और सुधारा और दूर से जाकर हमला किया। हमारे पास देश के बेहतरीन लड़ाकू विमान हैं। बेहतरीन पायलट हैं। फिर सीडीएस को क्यों कहना पड़ा कि हमारे लड़ाकू विमान को दूर से हमला करना पड़ा। क्या हम पास से नहीं मार सकते। हमें ये जानकारी चाहिए।
गोगोई ने कहा कि सेना कह चुकी है कि पाकिस्तान तो सिर्फ फ्रंट पर था, लेकिन पाकिस्तान के पीछे चीन था। इसमें आश्चर्य की क्या बात है। जो सरकार चीन को लांल आंख दिखाने की बात करती है। उस सरकार ने आज चीन पर बात क्यों नहीं की। युद्ध मे पाकिस्तान को चीन ने कितना मदद किया, ये हम सेना से नहीं, रक्षा मंत्री और पीएम मोदी से जानना चाहते हैं। गोगोई ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। वे कहते हैं 5 फाइटर जेट गिरे। एक-एक जेट करोड़ों रुपए के हैं। पीएम मोदी आज बताइए कि युद्ध में कितने लड़ाकू विमान गिरे। सीजफायर क्यों हुआ। अगर पाकिस्तान वाकई में अपने घुटने टेकने के लिए तैयार था, तो आप क्यों झुके। किसके सामने आपके सरेंडर किया।
उन्होंने कहा कि सरकार, आप डरिए मत। सच्चाई से मत डरिए। उस दिन भी देश, विपक्षी दल दहशतगर्दों के खिलाफ खड़ा था और आज भी खड़ा है। आप हमें अपना दुश्मन मत समझिए। लेकिन हमें सच बताइए। हमें सच सुनने का हक है।
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