कैबिनेट मंत्री मुंडिया ने विस में कहा इस कठिन घड़ी में राजनीति करने के लिए विपक्ष और केंद्र की कड़ी निंदा की
कैबिनेट मंत्री मुंडिया ने विस में कहा इस कठिन घड़ी में राजनीति करने के लिए विपक्ष और केंद्र की कड़ी निंदा की
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज सदन को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ-साथ उनकी फ़सलों, पशुधन और पोल्ट्री समेत हर तरह के नुकसान की भरपाई करेगी।
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान ‘‘पंजाब के पुनर्वास’’ प्रस्ताव पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ज़मीनी स्तर पर सूचियां तैयार की जा रही हैं और बिना किसी भेदभाव के हर प्रभावित परिवार को सहायता दी जाएगी।
मुंडियां ने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान पंजाब ने अभूतपूर्व तबाही झेली है और हजारों गाँव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही लाखों एकड़ कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुँचा है और अनमोल जानें गई हैं। राज्य में स्कूलों, पशु अस्पतालों, सड़कों समेत बुनियादी ढाँचे को भी भारी क्षति पहुँची है।
राजस्व मंत्री ने कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल सहित विपक्षी पार्टियों की कड़ी आलोचना की कि वे इतने गंभीर संकट में भी राजनीतिक चालें चल रहे हैं। जहाँ पंजाब की जनता अब तक की सबसे भयानक बाढ़ की मार झेल रही है, वहीं विपक्षी पार्टियों के नेता राजनीतिक रोटियाँ सेंकने से बाज नहीं आ रहे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इस संवेदनशील घड़ी में भी पंजाब की मदद करने की बजाय सूबावासियों के जख्मों पर नमक छिड़का। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रदेश की मदद करने की बजाय केंद्रीय मंत्री और दौरे पर आई टीमें केवल फोटो खिंचवाकर वापस लौट गईं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये बनता है, जबकि प्रधानमंत्री ने इतने बड़े नुकसान के एवज़ में केवल 1600 करोड़ रुपये की नगण्य राशि जारी करने का ऐलान करके पंजाबियों के साथ घोर मज़ाक किया है। उन्होंने कहा कि जब मैंने प्रधानमंत्री से राहत राशि बढ़ाने की अपील की तो उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में कहा, “क्या आपको हिंदी नहीं आती।”
मुंडियां ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री से ऐसा जवाब सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। पंजाब के लोगों का दर्द समझने की बजाय उन्होंने हमारी पंजाबी भाषा का मज़ाक उड़ाया और पंजाबी संस्कृति का अपमान किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है प्रधानमंत्री के मन में आज भी किसान आंदोलन को लेकर ग़ुस्सा है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि किस तरह भाजपा विधायक और नेता प्रधानमंत्री के सामने चुप रहे और उनमें पंजाब का मुद्दा उठाने की हिम्मत नहीं थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बोलने से रोका। बाद में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया कि वे मुझे जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे पंजाब के कैबिनेट मंत्री को भी नहीं जानते तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
राहत कार्यों का ब्यौरा देते हुए मुंडियां ने कहा कि मान सरकार ने फ़सलों के नुकसान का आकलन करने के लिए 13 सितंबर से विशेष गिरदावरी शुरू कर दी है, जबकि अलग-अलग टीमें घरों और पशुओं को हुए नुकसान का आकलन करने का काम कर रही हैं, जिनकी रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर डीसी को सौंपी जाएगी। उन्होंने बताया कि मान सरकार ने मुआवज़े की दरों में भी काफ़ी बढ़ोतरी की है , 26 प्रतिशत से 32 प्रतिशत के बीच फसलों के नुकसान का मुआवज़ा अब 10,000 रुपये प्रति एकड़, इसी तरह 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच 10,000 रुपये प्रति एकड़ और 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के नुकसान का मुआवज़ा 20,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाएगा। इसी तरह कच्चे और पक्के दोनों घरों के लिए मुआवज़ा बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति घर कर दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने पशुओं के नुकसान पर गाय और भैंस जैसे दुग्धारू पशुओं के लिए 37,500 रुपये प्रति पशु, घोड़े और बैल जैसे गैर-दुग्धारू पशुओं के लिए 32,000 रुपये प्रति पशु, बछड़ों, गधों और खच्चरों के लिए 20,000 रुपये प्रति पशु और प्रत्येक पोल्ट्री पक्षी के लिए 100 रुपये तक के बढ़े हुए मुआवज़े का ऐलान किया ।
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का उनकी सक्रिय नेतृत्व के लिए और ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का पहले दिन से ही पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रभावित गाँवों तक पहुँचने, परिवारों और पशुधन को सुरक्षित बाहर निकालने, भोजन, राशन और चारे का प्रबंध करने के निर्देश देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने आगे कहा कि नावें चलाने से लेकर ज़रूरी सामान की सप्लाई करने तक, हमारे कार्यकर्ताओं और अधिकारियों ने चढ़दीकला में अपनी सेवाएँ जारी रखीं।
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