सैनिक पहरेदार बनकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं तो जनता चैन की नींद सोती है, और इन सीमाओं के रक्षकों के कारण ही आज हम आजाद फिजा में सुख की सांस ले रहे हैं। आज मुझे जिला पठानकोट से लगती हिंद-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का दौरा करने का मौका मिला और मैं इनसे विशेष तौर पर मिलने पहुंचा हूं।
कहा, राज्य सरकार हमारे बहादुर जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है
खबर खास, चंडीगढ़/पठानकोट :
'सैनिक पहरेदार बनकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं तो जनता चैन की नींद सोती है, और इन सीमाओं के रक्षकों के कारण ही आज हम आजाद फिजा में सुख की सांस ले रहे हैं।' यह कहना है कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक का। वह शनिवार को पंजाब ने आज हिंद-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सिंबल स्कोल पोस्ट का विशेष दौरा करने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि उन्हें जिला पठानकोट से लगती हिंद-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का दौरा करने का मौका मिला और वह इनसे विशेष तौर पर मिलने पहुंचा हैं। उन्होंने कहा कि वह भरोसा देते हैं कि सीमाओं पर बैठे हमारे बीएसएफ के जवानों और अन्य सैनिकों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। पंजाब सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से इन सीमाओं के रक्षकों के साथ है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पिछले दिनों हुई आतंकवादी घटना के बाद आज कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री लाल चंद कटारूचक, डिप्टी कमिश्नर पठानकोट और एसएसपी पठानकोट हिंद-पाक सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेने और बीएसएफ के जवानों से मिलने पहुंचे। सबसे पहले कैबिनेट मंत्री पंजाब, डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और अन्य बीएसएफ अधिकारियों ने शहीद कमलजीत सिंह के स्मारक पर पहुंचकर फूल माला चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने बताया कि इस चौकी का महत्व है कि 1971 के युद्ध के दौरान जब पाकिस्तानी सैनिकों ने हमारे जवानों को घेर लिया। उस युद्ध के दौरान काफी सैनिकों ने शहादत दी। उस समय कमलजीत सिंह ने इस चौकी को नहीं छोड़ा और डटकर मुकाबला किया। बाद में कमलजीत सिंह ने भी शहादत का जाम पिया। इसलिए सिंबल स्कोल पोस्ट का बहुत महत्व है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पाकिस्तान द्वारा एक निंदनीय हरकत की गई। जम्मू कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं। इससे पूरा देश बहुत गुस्से में है और भारत इस समय दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि सिविल प्रशासन और सीमाओं पर बैठे इन सैनिकों में बहुत अच्छा तालमेल है।
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