उन्होंने कहा कि यदि किसी नीति पर किसानों में असहमति है, तो उसे जबरन लागू करना जनहित और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। इसी कारण सरकार ने किसानों की राय को सर्वोपरि मानते हुए लैंड पूलिंग नीति को वापस लेने का बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है।