पूर्व मंत्री बलबीर सिद्धू ने विधायक पर लगाया आरोप कहा, माननीय उच्च न्यायालय ने रुकी हुई प्रक्रिया को पूरा करने और नया प्रस्ताव न बनाने को कहा था
पूर्व मंत्री बलबीर सिद्धू ने विधायक पर लगाया आरोप कहा, माननीय उच्च न्यायालय ने रुकी हुई प्रक्रिया को पूरा करने और नया प्रस्ताव न बनाने को कहा था
खबर खास,एसएएस नगर, मोहाली :
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मोहाली नगर निगम की सीमा बढ़ाने के लिए जारी अधिसूचना में विधायक कुलवंत सिंह पर अपने व्यावसायिक और राजनीतिक हितों को आगे रखने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने प्रस्तावित परिसीमन में जनता की राय पर अपनी इच्छा थोपी है।
सिद्धू ने कहा कि अपने व्यावसायिक हितों को आगे रखते हुए कुलवंत सिंह ने लंबे समय तक निगम की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को लागू नहीं होने दिया, अब जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण पंजाब सरकार इसे लागू करने के लिए बाध्य हुई है, तो उन्होंने निगम के प्रस्ताव के अनुसार प्रस्तावित परिसीमन के स्थान पर कई नए क्षेत्रों को शामिल कर लिया है और प्रस्ताव में शामिल कई निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एयरो सिटी और मोहाली सेक्टर 94 को प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया और प्रस्ताव में शामिल बड़माजरा, बलौंगी और टीडीआई क्षेत्रों को छोड़ दिया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि नगर निगम के साथ-साथ बड़माजरा और बलौंगी की पंचायतों ने भी प्रस्ताव पारित करके इन गाँवों को निगम में शामिल करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि निजी डेवलपर्स, खासकर टीडीआई और क्षेत्र के निवासियों की सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने भी इन क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने का अनुरोध किया था ताकि उन्हें बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। उन्होंने आगे कहा कि एरो सिटी को तो शामिल कर लिया गया है, लेकिन आईटी सिटी और टीडीआई, जो इससे बहुत पहले अस्तित्व में आए थे, को छोड़ दिया गया है।
सिद्धू ने स्पष्ट किया कि एरो सिटी और सेक्टर 94 को नगर निगम की सीमा में शामिल करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि वे इसका स्वागत करते हैं, लेकिन नगर निगम के प्रस्ताव में शामिल क्षेत्रों को बाहर करने पर उन्हें कड़ी आपत्ति है।
विधायक कुलवंत सिंह द्वारा दिए गए इस तर्क को खारिज करते हुए कि बलौंगी और बड़माजरा को इसलिए बाहर रखा गया है ताकि यहां के निवासियों पर करों का बोझ न पड़े, श्री सिद्धू ने पूछा कि क्या जिन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, उन पर करों का बोझ नहीं पड़ेगा? उन्होंने कुलवंत सिंह से पूछा कि टीडीआई टाउनशिप, जो संपन्न लोगों का घर है, को बाहर क्यों रखा गया?
सिद्धू ने कहा कि नगर निगम द्वारा वर्ष 2021 में पारित प्रस्ताव के आधार पर पंजाब सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक अधिसूचना के माध्यम से प्रस्तावित सीमांकन पर आपत्तियां मांगी थीं, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। उन्होंने कहा कि विधायक कुलवंत सिंह के अनुरोध पर आम आदमी पार्टी सरकार ने उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए लोगों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने लंबित सीमांकन प्रक्रिया को पूरा करने और नया प्रस्ताव न बनाने के निर्देश दिए थे।
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