हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने श्री धन्ना भगत जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए हम सभी एक बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने श्री धन्ना भगत जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए हम सभी एक बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने श्री धन्ना भगत जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए हम सभी एक बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें और समाज से जात-पात, ऊँच-नीच की खाइयों को पाटते हुए भाईचारा बढ़ाने का काम करें।
मुख्यमंत्री आज श्री धन्ना भगत जी की जयंती के अवसर पर जिला जींद के उचाना के गाँव पालवां में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सैनी ने दाड़न खाप द्वारा रखी गई मांगों पर घोषणा करते हुए कहा कि गांव पालवां में तालाब की रिटेनिग वॉल, एक शेड तथा एक कमरे का निर्माण करवाया जाएगा। साथ ही, गांव पालवां में दाड़न खाप भवन की चारदीवारी और ग्रिल का कार्य भी पूरा करवाया जाएगा। इसके अलावा, दाड़न खाप भवन में बरामदा-कम-हॉल का निर्माण भी करवाया जाएगा। इसके अलावा, पालवां में दाड़न खाप भवन में 40 केवी लोड बढ़ाने के लिए आवेदन करने पर विभागीय मानदंडों के अनुसार भवन में 40 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया जाएगा।
श्री धन्ना भगत जी का जीवन सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन को श्री धन्ना भगत की जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री धन्ना भगत जी का व्यक्तित्व पूर्णिमा के चन्द्रमा की तरह शीतल और उज्ज्वल था। वे विख्यात संत श्री रामानंद आचार्य जी के शिष्य थे। संत रामानंद आचार्य जी ने उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन का व्यापक प्रचार- प्रसार किया था। उनकी प्रेरणा से ही श्री धन्ना भगत जी ने भक्ति आंदोलन का इतना प्रचार किया कि उन्हें राजस्थान में इस आंदोलन का प्रणेता कहा जाने लगा। श्री धन्ना भगत जी का जीवन सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण है।
सैनी ने कहा कि संत महात्माओं, ऋषि मुनियों और गुरुओं ने भूली भटकी मानवता को जीवन का सही मार्ग दिखाया है। ऐसी महान विभूतियों की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर है और उनकी विरासत को संभालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। संतों की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने संत महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना चलाई है, जिसके तहत संतों व महापुरुषों की जयंतियों के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आज का यह कार्यक्रम भी इसी योजना के तहत आयोजित किया गया है।
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