इस प्रयास के तहत, वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्टाफ, बुनियादी ढांचे और आईटी प्रणालियों में सुधार की समीक्षा करने और सुझाव देने के लिए तीन समर्पित समितियों का गठन करने का निर्देश दिया।
इस प्रयास के तहत, वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्टाफ, बुनियादी ढांचे और आईटी प्रणालियों में सुधार की समीक्षा करने और सुझाव देने के लिए तीन समर्पित समितियों का गठन करने का निर्देश दिया।
बुनियादी ढांचे, स्टाफ और डिजिटल सेवाओं पर ध्यान देने के लिए समितियां गठित, तीन सप्ताह में रिपोर्ट आने की उम्मीद
खबर खास, चंडीगढ़ :
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, राज्य सरकार ने सभी जिलों में राजस्व कार्यालयों का व्यापक पुनर्गठन शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य संपत्ति पंजीकरण, भूमि रिकॉर्ड और म्यूटेशन सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सेवा वितरण को बढ़ाना है।
इस प्रयास के तहत, वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्टाफ, बुनियादी ढांचे और आईटी प्रणालियों में सुधार की समीक्षा करने और सुझाव देने के लिए तीन समर्पित समितियों का गठन करने का निर्देश दिया। इन समितियों से असमानताओं की पहचान करने, सुधार का प्रस्ताव करने और समान और तीव्र सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए संचालन को सुव्यवस्थित करने की अपेक्षा की जाती है। डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि समितियां कार्यालय भवनों, स्टाफ क्वार्टरों, वाहनों, मानव संसाधन आवश्यकताओं और डिजिटल सेवा बुनियादी ढांचे से संबंधित मुख्य मुद्दों पर विचार करेंगी।
उन्होंने बताया कि मानव संसाधन समिति की अध्यक्षता फरीदाबाद के संभागीय आयुक्त करेंगे। इसमें फरीदाबाद और नूंह के उपायुक्तों के साथ वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति सभी जिलों में मौजूदा स्वीकृत पदों की समीक्षा करेगी। यह आयुक्तों, उपायुक्तों, तहसीलों के कार्यालयों और पटवारियों और कानूनगो सहित अग्रिम पंक्ति के राजस्व कर्मचारियों के लिए बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए जहां आवश्यक हो, अतिरिक्त स्टाफिंग की सिफारिश करेगी। इसका उद्देश्य स्टाफ के स्तर में एकरूपता लाना और परिचालन दक्षता को बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि आईटी और डिजिटल आर्किटेक्चर कमेटी की अध्यक्षता करनाल के डिवीजनल कमिश्नर करेंगे, जिसमें निदेशक भूमि रिकॉर्ड, विशेष सचिव राजस्व, डीसी करनाल, डीसी कुरुक्षेत्र के साथ-साथ डीआरओ नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) और भूमि रिकॉर्ड डिवीजन के अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इसका काम मौजूदा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन और इस्तेमाल में आने वाली ऑनलाइन सेवाओं का आकलन करना है।
इसके अलावा, यह एमएफएमबी के साथ एकीकरण और खरीद, ई-गिरदावरी, मॉडर्न रिकॉर्ड रूम के काम को पूरा करने और इसकी कार्य योजना पर भी काम करेगा। 47-ए स्टांप एक्ट के मामलों से निपटने के लिए एंड टू एंड मॉड्यूल तैयार करेगा और मुख्यालय और फील्ड यूनिट में इसे लागू करने के लिए रोडमैप प्रस्तुत करेगा और भविष्य के आधुनिकीकरण के लिए उपाय सुझाएगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि कार्यालय भवन, आवास, स्टाफ क्वार्टर और वाहन समिति की अध्यक्षता प्रत्येक संभाग के संभागीय आयुक्त करेंगे, तथा उस संभाग के सभी उपायुक्त इसके सदस्य होंगे। यह समिति कार्यालय भवनों, आवासीय क्वार्टरों और राजस्व प्रशासन में उपयोग किए जाने वाले वाहनों की वर्तमान स्थिति का आकलन करेगी। समिति भूमि की उपलब्धता, वर्तमान कार्यालय स्थानों की स्थिति, मानक कार्यालय स्थान आवश्यकताओं और अधिकारियों के लिए आधिकारिक वाहनों की पर्याप्तता की भी समीक्षा करेगी।
तीनों समितियों को वित्तीय आयुक्त राजस्व को अपनी विस्तृत रिपोर्ट और सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से राजस्व कार्यालयों के कामकाज में ठोस सुधार आने, देरी कम होने और नागरिकों को समय पर और विश्वसनीय सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0