पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने आज गुरुग्राम में उक्त अभियान के तहत जिला में की जा रही तैयारियों की समीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने आज गुरुग्राम में उक्त अभियान के तहत जिला में की जा रही तैयारियों की समीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के एसीएस आनंद मोहन शरण ने गुरुग्राम में तैयारियों की समीक्षा कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
खबर खास, चंडीगढ़ :
गुरुग्राम को प्लास्टिक मुक्त मॉडल शहर के रूप में विकसित करने के लिए जल्द ही विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत आवश्यक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह इस अभियान को लेकर अत्यंत गंभीर हैं और विभिन्न मंचों से आमजन को पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने आज गुरुग्राम में उक्त अभियान के तहत जिला में की जा रही तैयारियों की समीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
जनअभियान के रूप में देखें इस पहल को
आनंद मोहन शरण ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस प्रोजेक्ट को केवल एक सरकारी कार्यक्रम के रूप में नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन की भावना के साथ आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि यदि हम नागरिकों को सहभागी बनाएं, तो यह अभियान अपेक्षित समय-सीमा में सफलतापूर्वक पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने सिक्किम और इंदौर जैसे शहरों के सफल उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरुग्राम को भी उनके पदचिह्नों पर चलकर एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अनेक गैर-सरकारी संगठन इस अभियान में सक्रिय भागीदारी हेतु आगे आ रहे हैं।
लोगों के व्यवहार में परिवर्तन इस अभियान की सफलता की है आधारशिला, प्रचार-प्रसार से जनजागरूकता होगी सशक्त
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनजागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर्स, शॉर्ट वीडियो क्लिप्स, जिंगल्स, सोशल मीडिया अभियानों, नुक्कड़ नाटकों तथा सामुदायिक बैठकों जैसे प्रभावशाली माध्यमों का उपयोग किया जाए। इसके साथ ही विद्यालयों, महाविद्यालयों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स , मॉल, बाजारों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालयों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा, लोगों के व्यवहार में परिवर्तन इस अभियान की सफलता की आधारशिला है। जब तक आमजन स्वयं प्लास्टिक का उपयोग छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं होंगे, तब तक कोई भी सरकारी प्रयास सफल नहीं हो सकता।
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November 09, 2024
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