बैठक में एमएसएमई संचालित रंगाई क्लस्टरों के लिए उपयुक्त जल पुनर्चक्रण, साल्ट रिकवरी और कम लागत वाले संचालन मॉडलों से संबंधित तकनीकों पर चर्चा की।
बैठक में एमएसएमई संचालित रंगाई क्लस्टरों के लिए उपयुक्त जल पुनर्चक्रण, साल्ट रिकवरी और कम लागत वाले संचालन मॉडलों से संबंधित तकनीकों पर चर्चा की।
खबर खास, चंडीगढ़ :
बुड्ढा दरिया की सफाई, इसके पुनर्जीवन और लुधियाना के रंगाई उद्योग से जुड़ी गंदे पानी की समस्याओं के समाधान के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, पंजाब सरकार ने 8 अक्टूबर को मगसीपा, चंडीगढ़ में तमिलनाडु वॉटर इन्वेस्टमेंट कंपनी (टीडब्लयूआइसी) के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। यह कंपनी तमिलनाडु सरकार और आइ.एल. एंड एफ. एस. का एक संयुक्त उपक्रम है, जो तिरुपुर और इरोड जैसे प्रमुख वस्त्र क्लस्टरों में ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जैडएलडी) आधारित सामान्य अपशिष्ट शोधन संयंत्र (सीइटीपीज़) स्थापित करने के लिए जानी जाती है।
यह बैठक पंजाब विकास आयोग (पीडीसी) के सदस्य (उद्योग एवं वाणिज्य) वैभव महेश्वरी द्वारा बुलाई गई थी। यह बैठक उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति के व्यापक प्रयासों का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य बुड्डा दरिया प्रदूषण का समाधान करना और पंजाब के औद्योगिक क्लस्टरों में प्रदूषण नियंत्रण प्रणालियों का आधुनिकीकरण करना है।
बैठक में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेयरपर्सन रीना गुप्ता, पंजाब विकास आयोग की उपाध्यक्ष सीमा बांसल, सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) प्रियांक भारती, आईएएस, नगर निगम लुधियाना के आयुक्त आदित्य धाचवाल, आईएएस, तथा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड और स्थानीय निकाय विभाग के प्रतिनिधियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरक्त की।
टीडब्लयूआइसी के सीईओ साजिद ने कंपनी के जैडएलडी आधारित सीइटीपी विकसित करने के सफल अनुभव साझा किए और एमएसएमई संचालित रंगाई क्लस्टरों के लिए उपयुक्त जल पुनर्चक्रण, साल्ट रिकवरी और कम लागत वाले संचालन मॉडलों से संबंधित तकनीकों पर चर्चा की।
बैठक में लुधियाना के रंगाई उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिन्होंने जमीनी समस्याओं पर चर्चा की और आधुनिक, किफायती एवं स्थायी तकनीकों की खोज में गहरी रुचि दिखाई। बैठक के बाद यह सहमति बनी कि टीडब्लयूआइसी शीघ्र ही पंजाब के सीइटीपी उन्नयन और पर्यावरणीय प्रबंधन के लिए संभावित विकल्पों पर एक तकनीकी कंसैपट पेपर साझा करेगा।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि टीडब्लयूआइसी के साथ यह बैठक राज्य के उन सतत प्रयासों का हिस्सा है, जिनके तहत पंजाब अन्य राज्यों के सर्वश्रेष्ठ अनुभवों से सीखने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बुड्डा दरिया के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के तहत हम पर्यावरण की रक्षा, उद्योगों को सुरक्षित रखने, नौकरियों की सुरक्षा और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं। पंजाब औद्योगिक और पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए व्यावहारिक, किफायती और टिकाऊ समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह बैठक पंजाब सरकार के सक्रिय और समस्याओं के समाधान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा देना है।
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