हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढ़ांडा ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी जनता के सेवक हैं, वे अपने आप को जनता का सेवक समझकर ही उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ समाधान करें। यदि किसी आमजन के साथ कोई धोखाधड़ी या ज्यादती होती है तो पुलिस विभाग ठोस कार्रवाई करे, ताकि दोषी को सजा मिल सके।
लोगों के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी या ज्यादती होने पर ठोस कार्रवाई करें पुलिस अधिकारी
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में रखे 15 परिवादों में से 9 का किया मौके पर ही समाधान
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढ़ांडा ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी जनता के सेवक हैं, वे अपने आप को जनता का सेवक समझकर ही उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ समाधान करें। यदि किसी आमजन के साथ कोई धोखाधड़ी या ज्यादती होती है तो पुलिस विभाग ठोस कार्रवाई करे, ताकि दोषी को सजा मिल सके।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी मामले में पीड़ित व्यक्ति के साथ न्याय न करने वाले और उसे परेशान करने वाले संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री आज भिवानी के पंचायत भवन में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में परिवादों का निपटारा करने के दौरान अपना संदेश दे रहे थे। शिक्षा मंत्री ने बैठक में रखे गए कुल 15 परिवादों में से 9 का मौके पर ही समाधान किया तथा शेष के लिए संबंधित विभागों को गहनता से जांच के आदेश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर प्रदेश में स्कूलों के आधारभूत ढ़ांचों में तेज गति से सुधार किया जा रहा है। जून के महीने में होने वाली छुट्टियों के दौरान शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी सरकारी स्कूलों की छतों की सफाई व मरम्मत करवाएं ताकि स्कूलों की छत सही हो।
उन्होंने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों का परिणाम प्राईवेट स्कूलों से बेहतर आया है। शिक्षा विभाग 9वीं से 12वीं तक की कक्षा के लिए एक ऐसा कौशल पूर्ण विषय तैयार करने पर जुटा हुआ है, जिससे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों को नौकरी की तरफ न भागना पड़े और वे स्वयं का कोई कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा प्रदेश है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू को सबसे पहले लागू किया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जिलों के आला प्रशासनिक अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करने, बच्चों व शिक्षकों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानने के निर्देश दिए गए हैं।
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