पंजाब राज्य सूचना आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि कमिश्नर संदीप सिंह धालीवाल की पीठ के समक्ष लुधियाना के डाबा-लोहरा मार्ग स्थित महा सिंह नगर निवासी सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर 175 मामले अगस्त माह की विभिन्न तिथियों को सुनवाई हेतु लगे थे।
पंजाब राज्य सूचना आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि कमिश्नर संदीप सिंह धालीवाल की पीठ के समक्ष लुधियाना के डाबा-लोहरा मार्ग स्थित महा सिंह नगर निवासी सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर 175 मामले अगस्त माह की विभिन्न तिथियों को सुनवाई हेतु लगे थे।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब राज्य सूचना आयोग के कमिश्नर संदीप सिंह धालीवाल ने एक व्यक्ति द्वारा आर.टी.आई. अधिनियम के तहत दायर 175 केसों का निपटारा किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब राज्य सूचना आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि कमिश्नर संदीप सिंह धालीवाल की पीठ के समक्ष लुधियाना के डाबा-लोहरा मार्ग स्थित महा सिंह नगर निवासी सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर 175 मामले अगस्त माह की विभिन्न तिथियों को सुनवाई हेतु लगे थे।
उन्होंने बताया कि सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर केसों में से 5 अगस्त 2025 को 36 केस, 6 अगस्त 2025 को 26 केस, 7 अगस्त 2025 को 35 केस, 19 अगस्त 2025 को 30 केस और 20 अगस्त 2025 को 26 केस सुनवाई हेतु लगे थे, जिनमें संबंधित पक्ष जानकारी सहित उपस्थित हुए और कमिश्नर द्वारा सभी मामलों की अलग-अलग सुनवाई की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इन मामलों की सुनवाई के दौरान वादी सरबजीत सिंह गिल उपस्थित नहीं हुआ, जिस पर आयोग ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिन का समय दिया, किंतु वादी ने इस अवधि में भी अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया। प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब राज्य सूचना आयोग के कमिश्नर संदीप सिंह धालीवाल ने इन केसों की 20 अगस्त और 28 अगस्त 2025 को पुनः सुनवाई की और सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर 175 केसों का निपटारा कर दिया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि आयोग के ध्यान में आया है कि इन मामलों में लगातार गैर-हाज़िरी के कारण आयोग के समय और संसाधनों की काफी बर्बादी हुई है तथा बार-बार सुनवाई में उपस्थित होकर जवाब दाखिल करने वाले सरकारी प्राधिकरणों के नियमित कार्यों में भी अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न हुआ है। ऐसा व्यवहार न केवल मुकदमेबाज़ों के अधिकारों को प्रभावित करता है, बल्कि लंबित मामलों को प्रभावी ढंग से हल करने संबंधी आयोग की क्षमता को भी प्रभावित करता है। आयोग ने कहा है कि लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेवजह, बार-बार होने वाली मुकदमेबाज़ी के लिए सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। इसलिए मुकदमा आगे न बढ़ाने के कारण सरबजीत सिंह गिल द्वारा दायर अपीलों को ख़ारिज कर दिया गया है।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सरबजीत सिंह गिल को पंजाब राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा 25 फरवरी 2025 को आर.टी.आई. अधिनियम के दुरुपयोग के आरोप में ब्लैकलिस्ट किया गया था।
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