पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में "समाज में पर्यावरण जागरूकता हेतु डिजिटल सामग्री निर्माण" विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने वाली प्रभावी डिजिटल सामग्री तैयार करने के कौशल से सशक्त बनाना है।
खबर खास, बठिंडा :
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में "समाज में पर्यावरण जागरूकता हेतु डिजिटल सामग्री निर्माण" विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने वाली प्रभावी डिजिटल सामग्री तैयार करने के कौशल से सशक्त बनाना है।
पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा वित्त पोषित तथा भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का सहायता प्राप्त इस कार्यशाला का संचालन सीयू पंजाब के जनसंचार और मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा आईआईसी के सहयोग से किया जा रहा है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री शंकरानंद बी.आर. मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय परिसर, जालंधर के पूर्व डीन एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. कमलेश एस. दुग्गल ने सम्मानित अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में सहभागिता की।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि शंकरानंद बी.आर. ने कहा कि प्रकृति सदैव हमें ब्रह्मांड के पंच तत्वों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए जीवन जीने की सीख देती है। उन्होंने इस बात पर बल देकर कहा कि औद्योगीकरण और शहरीकरण ने पर्यावरणीय क्षरण करते हुए ग्लोबल वॉर्मिंग और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दिया है। साथ ही उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से बल दिया कि प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, करुणा, सहयोग, संरक्षण और संवर्धन पर आधारित हमारे प्रयास ही हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र के पुनर्जीवन में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही, सतत विकास प्रथाओं को अपनाने के प्रति हमारी जागरूकता और प्रतिबद्धता ही हमें भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने युवाओं से सामाजिक चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने और "रिसर्च फॉर रिसर्जेंट पंजाब" के अपने दृष्टिकोण में योगदान देने का आग्रह किया।
वहीं आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा ने अपने संबोधन में कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने आईआईटी रोपड़ द्वारा शुरू की गई "ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" और "कृषि के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र" जैसी पहलों की जानकारी साझा की, जो एआई-आधारित एग्रोटेक और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। उन्होंने किसानों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाने हेतु डिजिटल कृषि आधारित स्मार्ट-कृषि तकनीकों के प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया और आशा व्यक्त की कि यह कार्यशाला स्थिर कृषि व्यवस्था हेतु एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
सम्मानित अतिथि प्रो. कमलेश एस. दुग्गल ने डिजिटल सामग्री निर्माण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लघु वीडियो, ब्लॉग और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से प्रभावशाली डिजिटल सामग्री के निर्माण से पर्यावरण जागरूकता को व्यापक स्तर पर फैलाया जा सकता है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने अतिथि वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का थीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ)" पहल के अनुरूप है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि यह कार्यशाला 50 "इको वॉरियर्स" को प्रशिक्षित करेगी, जो नागरिकों को अपने दैनिक जीवन में सतत विकास प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरक डिजिटल सामग्री तैयार करेंगे और उसका प्रभावी प्रचार-प्रसार करेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत जनसंचार और मीडिया अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. रूबल कनोजिया द्वारा स्वागत भाषण एवं अतिथि वक्ताओं के परिचय के साथ हुई। इसके बाद डॉ. कुलभूषण शर्मा ने मंच संचालन किया। अंत में रजिस्ट्रार डॉ. विजय शर्मा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में जनसंचार और मीडिया अध्ययन विभाग के संकाय और छात्रों के साथ-साथ डीन, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यशाला के पहले दिन एथेना एजुकेशन के विशेषज्ञ अनूप सेमवाल और सुखचरण द्वारा दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। ये तकनीकी सत्र बुधवार तक जारी रहेंगे, और कार्यशाला का समापन एक विशेष समापन समारोह के साथ होगा।
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