डेटालीड्स द्वारा संचालित यह पहल पूरे भारत में मीडिया पेशेवरों और स्वास्थ्य कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यावहारिक कौशल से सुसज्जित करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे डिजिटल परिवर्तन की दिशा में सशक्त भूमिका निभा सकें।
डेटालीड्स द्वारा संचालित यह पहल पूरे भारत में मीडिया पेशेवरों और स्वास्थ्य कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यावहारिक कौशल से सुसज्जित करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे डिजिटल परिवर्तन की दिशा में सशक्त भूमिका निभा सकें।
खबर खास, बठिंडा :
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रूबल कनोजिया का चयन ‘एडीरा (ADiRA) – एआई फॉर डिजिटल रेडीनेस एंड एडवांसमेंट’ के अंतर्गत ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए किया गया है, जिसे गूगल (Google.org) और एशियाई विकास बैंक के सहयोग से एशियन वेंचर फिलैंथ्रॉपी नेटवर्क द्वारा संचालित किया जा रहा है।
डेटालीड्स द्वारा संचालित यह पहल पूरे भारत में मीडिया पेशेवरों और स्वास्थ्य कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यावहारिक कौशल से सुसज्जित करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे डिजिटल परिवर्तन की दिशा में सशक्त भूमिका निभा सकें। इसका उद्देश्य प्रशिक्षकों का ऐसा नेटवर्क तैयार करना है जो अपने-अपने संस्थानों में एआई को एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त करें।
डॉ. कनोजिया का चयन मीडिया शिक्षा, शोध, और डिजिटल साक्षरता एवं गलत सूचना के खिलाफ उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए हुआ है। पत्रकार से शिक्षाविद बने डॉ. कनोजिया को प्रसारण पत्रकारिता, मीडिया शिक्षण और जनसंचार में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव की फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क और फैक्टशाला जैसे राष्ट्रीय मीडिया साक्षरता अभियानों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं, जिनके माध्यम से उन्होंने सैकड़ों मीडिया कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित कई महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। इनमें “फेक न्यूज़ के समाजशास्त्र को समझना” और “पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान का प्रभाव” शामिल हैं।
उनका शोध कार्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। उन्होंने अमेरिका के ओरेगन विश्वविद्यालय और दुबई के अमेरिकन यूनिवर्सिटी में अपने शोध प्रस्तुत किए हैं, जहाँ उन्होंने वैश्विक स्तर पर डिजिटल गलत सूचना और मीडिया साक्षरता के बदलते रुझानों पर चर्चा की। मीडिया अध्ययन में उनके योगदान के लिए उन्हें 2020 और 2021 में लगातार दो वर्षों तक मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने डॉ. कनोजिया को बधाई देते हुए कहा, “इस राष्ट्रीय स्तर की पहल में चयन होना न केवल डॉ. कनोजिया की विद्वत्ता का प्रमाण है, बल्कि यह हमारे विश्वविद्यालय की अंतरविषयी नवाचार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।”
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