कैबिनेट मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर फतेहगढ़ साहिब स्थित जिला प्रशासनिक परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके उपरांत उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
खबर खास, चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब :
कैबिनेट मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर फतेहगढ़ साहिब स्थित जिला प्रशासनिक परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके उपरांत उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर हलका फतेहगढ़ साहिब के विधायक एडवोकेट लखबीर सिंह राय और हलका बसी पठाना के विधायक रुपिंदर सिंह हैप्पी भी उनके साथ उपस्थित थे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए वचनबद्ध है। राज्य की कैबिनेट में 6 एस.सी. मंत्री शामिल हैं और पहली बार ए.जी. कार्यालय में आरक्षण दिया गया है। एस.सी. स्कॉलरशिप लाभार्थियों को बिना किसी रुकावट के छात्रवृत्तियां मिल रही हैं।
डॉ. अंबेडकर केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार, एक आंदोलन और एक संकल्प थे। उन्होंने अपने जीवन को सामाजिक समानता, न्याय और शिक्षा के अधिकार के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में बनाया गया संविधान न केवल लोकतंत्र की नींव है, बल्कि हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करने वाला दस्तावेज भी है।
मंत्री सौंद ने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही एक सशक्त, शिक्षित और समानता पर आधारित भारत का निर्माण किया जा सकता है। उनकी सोच आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार डॉ. अंबेडकर के आदर्शों के अनुसार जनता की भलाई हेतु लगातार प्रयासरत है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह और डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें प्रत्येक सरकारी कार्यालय में लगवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा साधन है जो इंसान को अन्य जीवों से अलग करता है। अक्षर और ज्ञान के माध्यम से डॉ. अंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त कर समाज का कल्याण किया।
सौंद ने कहा कि आरक्षण मिलने से करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिला है। आज बड़ी संख्या में विद्यार्थी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना का लाभ उठा रहे हैं। स्कूलों के विकास की बदौलत आज 15 हज़ार से अधिक बच्चे निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में दाख़िला ले चुके हैं।
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