हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश के सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम का इस बार हाल में पालन करना होगा।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश के सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम का इस बार हाल में पालन करना होगा।
आरटीई एक्ट 2009 की अनुपालना में सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को अलाभप्रद व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा पहली/पूर्व प्राथमिक कक्षाओं हेतु 25 प्रतिशत सीटें करनी होंगी आरक्षित
स्कूलों को उज्जवल पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के आवेदन करने होंगे स्वीकार, पहली बार बनाया गया है पोर्टल
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश के सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम का इस बार हाल में पालन करना होगा। इन सभी स्कूलों को उज्जवल पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के आवेदन स्वीकार करने होंगे। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह पोर्टल पहली बार बनाया गया है, ताकि विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आरटीई एक्ट 2009 की अनुपालना में सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को अलाभप्रद व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए उक्त एक्ट के तहत कक्षा पहली/पूर्व प्राथमिक कक्षाओं हेतु 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होंगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में चल रहे सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को आगाह किया गया है कि वे अपने विद्यालयों में कक्षा पहली/पूर्व प्राथमिक कक्षा में उपलब्ध सीटों की जो जानकारी आप द्वारा 25 प्रतिशत सीट डिकलेरेशन में दिखाई गई या नही दिखाई गई हैं। सभी मान्यता प्राप्त स्कूलो को उज्जवल पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आवेदन को स्वीकार करना होगा। जिन अभिभावको के घर/निवास स्थान से एक किलोमीटर के दायरे में जितने भी मान्यता प्राप्त प्राईवेट स्कूल होगें में ऑनलाइन पोर्टल पर फार्म भर सकते है। जिस मान्यता प्राप्त प्राईवेट विद्यालय के पास 25 प्रतिशत सीटो से अधिक आनलाइन दाखिले फार्म प्राप्त होगें तो जिला स्तरीय कमेटी/अभिभावको की उपस्थिति में ड्रा निकालना सुनिश्चित करेगें तथा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में समय-समय पर सशोंधित नियम की सभी धाराओं को मानने के लिए बाध्य होगें।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा निम्न कैटेगेरी के बालकों का प्रवेश देने हेतू हरियाणा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम, 2011 के नियम 2 (1) (एफ) के निम्नानुसार है। हरियाणा सरकार द्वारा जारी तथा अनुमोदित ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों से ’गरीबी रेखा से नीचे’ की नवीनतम सूची के अधीन आने वाले परिवार का बच्चे य़ोजना के पात्र होंगे। इसके अलावा योजना में एच.आई.वी. प्रभावित बच्चे, विशेष जरूरत वाले बच्चे और विधवा के बच्चे शामिल हैं।
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