पंजाब मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य वर्ष 2025-26 के दौरान 11020 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व इकट्ठा करना है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 874.05 करोड़ रुपए (8.61 प्रतिशत) अधिक है। यह फैसला गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में उनके सरकारी निवास पर मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया।
नई आबकारी नीति में बीते साल की तुलना में 8.61 प्रतिशत की वृद्धि करके 11020 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य
मान सरकार के दौरान राज्य में दृढ़ता से बढ़ रहा आबकारी राजस्व
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य वर्ष 2025-26 के दौरान 11020 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व इकट्ठा करना है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 874.05 करोड़ रुपए (8.61 प्रतिशत) अधिक है। यह फैसला गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में उनके सरकारी निवास पर मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया।
इस घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति के दौरान 10,145 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था और राज्य सरकार ने अब तक 10,200 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा कर लिया है। मौजूदा सरकार के दौरान राज्य के आबकारी राजस्व में दृढ़ता से वृद्धि हो रही है क्योंकि पहली बार आबकारी राजस्व 10,000 करोड़ रुपए को पार कर चुका है।
नई नीति में यह भी व्यवस्था की गई है कि मौजूदा रिटेल कारोबार को संतुलित करने के लिए और बेहतर एवं व्यापक साझेदारी को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करने के लिए वर्ष 2025-26 के लिए एल-2/एल-14ए रिटेल ठेकों की नई अलॉटमेंट ई-टेंडर के माध्यम से की जाएगी। वर्ष 2024-25 के लिए ग्रुप का आकार 40 करोड़ रखा गया है। अतिरिक्त राजस्व जुटाने और देसी शराब (पंजाब मीडियम लिकर) के कोटे में पिछले साल की तुलना में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है जिससे देसी शराब का कोटा 8.534 करोड़ प्रूफ लीटर रखा गया है। आबकारी नीति, 2025-26 में देसी शराब की दरों में वृद्धि नहीं की गई। भारतीय सेना और सशस्त्र बलों को राहत देने के लिए उनके थोक लाइसेंस की लाइसेंस फीस 50 प्रतिशत घटा दी गई है जो अब पांच लाख रुपए से घटकर ढाई लाख रुपए रह गई है।
पंजाब में पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए फार्म स्टे के लाइसेंस धारकों को शराब रखने की सीमा 12 क्वार्ट्स (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) से बढ़ाकर 36 क्वार्ट्स (आई.एम.एफ.एल.) कर दी गई है। इसके साथ ही बीयर, वाइन, जिन, वोडका, ब्रांडी, रेडी-टू-ड्रिंक और अन्य शराब उत्पाद रखने की सीमा में भी इसी प्रकार से वृद्धि की गई है।
वर्ष 2025-26 में उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए नगर निगम क्षेत्रों में रिटेल लाइसेंसधारकों के लिए प्रत्येक ग्रुप में एक मॉडल दुकान खोलना अनिवार्य बनाया गया है। अल्कोहल की कम मात्रा वाले शराब उत्पाद जैसे बीयर, वाइन, रेडी-टू-ड्रिंक की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए स्टैंडअलोन (इकहरी) बीयर शॉप की फीस प्रति शॉप दो लाख रुपये से घटाकर 25000 रुपए प्रति शॉप कर दी गई है। नए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब में नया बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी गई है।
इसी तरह शराब पर लगने वाली गौ भलाई फीस में 50 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति भी दे दी गई है जिससे अब यह फीस एक रुपए प्रति प्रूफ लीटर से बढ़कर डेढ़ रुपए प्रति प्रूफ लीटर हो गई है। इससे गौ भलाई फीस की उगाही जो अब 16 करोड़ रुपए है, वर्ष 2025-26 में बढ़कर 24 करोड़ रुपए हो जाएगी।
“पंजाब तीर्थ यात्रा समिति” के गठन को मंजूरी
विभिन्न विभागों के साथ तालमेल करके हवाई, रेल, सड़क आवागमन और अन्य संभावित तरीकों के माध्यम से पंजाबवासियों को आरामदायक तीर्थ यात्रा करवाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत “पंजाब तीर्थ यात्रा समिति” के गठन को भी सहमति दे दी।
सरकारी विभागों और संस्थाओं के लिए डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने हेतु पीआईसीटीसी एकमात्र एजेंसी नामित
कैबिनेट ने पंजाब इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पी.आई.सी.टी.सी.) को सरकारी विभागों और संस्थाओं के लिए डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने हेतु एकमात्र एजेंसी नामित करने को हरी झंडी दे दी। कॉर्पोरेशन को ‘पंजाब ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 2019’ की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए आई.टी. और आई.टी.ई.जी. की खरीद के लिए भी नामित किया गया है।
जल (संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2024 को अपनाने की सहमति
कैबिनेट ने भारतीय संविधान की धारा 252 के नियम (1), जिसे नियम (2) के साथ पढ़ा जाए, की निरंतरता में भारतीय संसद द्वारा बनाए जल (संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2024 को लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी। यह अधिनियम फौजदारी उत्तरदायित्व के स्थान पर वित्तीय जुर्मानों का प्रस्ताव करता है और यह निर्धारित करता है कि इस अधिनियम के अनुपालन न करने पर सक्षम अधिकारी के माध्यम से वित्तीय जुर्माना लगाया जाएगा।
पंजाब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2025 में संशोधनों को मंजूरी
पंजाब में जन्म और मृत्यु की पंजीकरण के कार्य को सुचारू बनाने के लिए कैबिनेट ने पंजाब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2025 में कई संशोधनों को मंजूरी दे दी।
पंजाब राज्य एनआरआईज़ कमीशन की प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी
कैबिनेट ने पंजाब राज्य एन.आर.आईज़. कमीशन की वर्ष 2022-23 के लिए ऑडिट रिपोर्ट के साथ-साथ वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी।
ओ.एस.डी. (लिटिगेशन) के पद को मंजूरी
कैबिनेट ने कार्मिक विभाग में अधिकारी ऑन स्पेशल ड्यूटी (लिटिगेशन) के अस्थायी पद को कायम रखने को भी मंजूरी दे दी।
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