पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने रविवार को विभाग का 2024 का लेखा जोखा देते हुए कहा कि साल की शुरूआत में सीएम मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा जी.वी.के पावर से गोइंदवाल पावर प्लांट को 1080 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने के ऐतिहासिक कदम के साथ हुई। भारत में एक राज्य सरकार द्वारा एक निजी पावर प्लांट खरीदने की यह पहली घटना है।
पछवाड़ा कोयला खदान के कारण वित्तीय वर्ष 2024 में 593 करोड़ रुपये की बचत
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने रविवार को विभाग का 2024 का लेखा जोखा देते हुए कहा कि साल की शुरूआत में सीएम मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा जी.वी.के पावर से गोइंदवाल पावर प्लांट को 1080 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने के ऐतिहासिक कदम के साथ हुई। भारत में एक राज्य सरकार द्वारा एक निजी पावर प्लांट खरीदने की यह पहली घटना है।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर रखे गए इस थर्मल प्लांट का लोड फैक्टर इस साल के दौरान 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 77 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे इसकी बिजली उत्पादन क्षमता दोगुनी हो गई। यह 540 मेगावाट थर्मल प्लांट 2 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की किफायती दर पर प्राप्त किया गया, जिससे राज्य को सालाना 350 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 से शुरू की गई पछवाड़ा कोयला खदान राज्य के थर्मल प्लांटों को कोयले की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से 1277 रैक के माध्यम से इस खदान से कुल 50.84 लाख मीट्रिक टन कोयले की प्राप्ति हुई, जिसकी लागत कोल इंडिया लिमिटेड की तुलना में 11 करोड़ रुपये प्रति 1 लाख मीट्रिक टन सस्ती है। इसके परिणामस्वरूप राज्य को इस वित्तीय वर्ष के दौरान 593 रुपये की बचत हुई।
बिजली मंत्री ने कहा कि इन पहलों के चलते ही मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को हर दो महीने में 600 यूनिट मुफ्त बिजली (या 300 यूनिट प्रति महीना) सफलतापूर्वक मुहैया करवाई है। उन्होंने बताया कि राज्य के 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल प्राप्त हुए हैं।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ ने बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और वितरण को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयासों का खुलासा करते हुए कहा कि साल 2024 में राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली प्राप्त करने के लिए ट्रांसमिशन क्षमता को 9000 मेगावाट से बढ़ाकर 9800 मेगावाट किया गया, जो कि 2022 में 7100 मेगावाट की क्षमता के मुकाबले एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली विभाग के इन प्रयासों का ही परिणाम है कि 29 जून, 2024 को 16058 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग पूरी की गई और औद्योगिक, आवासीय या व्यावसायिक क्षेत्रों पर बिजली कट लगाए बिना ही कृषि क्षेत्र को 8 घंटे से अधिक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
बिजली मंत्री ने विभाग की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए 1 अप्रैल 2024 से अब तक पी.एस.पी.सी.एल. और पी.एस.टी.सी.एल. में 1351 युवाओं की भर्ती का उल्लेख किया। हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि बिजली विभाग की मानव शक्ति को मजबूत करने और इसके विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा मार्च 2022 से अब तक पी.एस.पी.सी.एल. और पी.एस.टी.सी.एल. में कुल 6498 पदों पर भर्तियां की गई हैं।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि बिजली वितरण ढांचे में और सुधार करने के लिए रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) के तहत 9,563 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार से प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि बिजली विभाग पंजाब के लोगों को बेहतर और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए वर्ष 2025 में भी नए मील के पत्थर स्थापित करता रहेगा।
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