बाढ़ को लेकर प्रदेश में किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर की समीक्षा कहा, 45 दिनों में मिलेगा मुआवजा
बाढ़ को लेकर प्रदेश में किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर की समीक्षा कहा, 45 दिनों में मिलेगा मुआवजा
खबर खास, चंडीगढ़ :
अस्पताल से छह दिनों बाद लौटे सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में बाढ़ को लेकर किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर समीक्षा की।
सीएम ने बैठक में कहा कि 16 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी और 45 दिनों में बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दे दिया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त आदेश दिए है कि जहां-जहां पानी कम हो गया है, वहां की गिरदावरी करके जल्द रिपोर्ट दी जाए। ताकि किसानों को जल्द मुआवजा दिया जा सके।
सीएम मान ने कहा कि वह खुद किसान परिवार से हैं और जब उनका खुद का खेत पानी में डूब जाता था, तब उनके घर भी चूल्हा नहीं जलता था। उन्होंने कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे और न ही अधिकारियों को बैठने देंगे। मान ने कहा कि फसल का नुकसान होने पर 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बनने के बाद भी एक सप्ताह का समय दिया जाएगा ताकि लोग बता सके कि क्या असल में उनकी जमीनों की गिरदावरी हुई है या उन लोगों की हुई है जिनकी पहुंच है। जिन घरों का नुकसान हुआ है उनके पैसे भी देंगे और पैसे बढ़ाएं भी जाएंगे।
सीएम ने कहा कि पंजाब में बाढ़ और बारिश से अभी तक 55 मौत की पुष्टि हुई है। 42 मृतकों के परिवार वालों को पैसे मिल चुके है। 40 से 45 दिनों प्रत्येक गांव में जाकर अधिकारी नुकसान का जायजा लेंगे। दीवाली के आस-पास बड़ी संख्या में चेक बनाकर लोगों को देंगे। बहुत बड़ा संकट पंजाब ने झेला है। पंजाब को संकट झेलने आता है। लोग खुद ट्रालियों में राशन और राहत का सामान लेकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश है कि यदि किसी ने गलत फॉर्म भरा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
मान ने कहा कि वह राजनीति करने वालों की सख्त शब्दों में निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि अब कहा जा रहा है कि बाढ़ भगवंत मान लाए है। उन्होंने कहा कि क्या मैं हिमाचल में पहाड़ तोड़ कर आया हूं?
सीएम ने कहा कि अब मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद जानवरों के अवशेष मिलेंगे तो उनसे कैसे निपटना है, इसे भी लेकर योजना बनाई है। जिसका खेत उसकी रेत को लेकर भी किसानों को स्पष्ट आदेश दिए हुए है कि वह खेतों से रेत निकाल सकते है। ड्रोन के जरिए दरियों की मैपिंग करवाई जा रही है और कमजोर बांधों को मजबूत किया जा रहा है।
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