कहा, बाढ़ का पानी चैनलाइज करके बिजली उत्पादन को बढ़ाने पर काम करे पंजाब सरकार, डाटा सेंटर पॉलिसी लाने की जरूरत
पंजाब सरकार जनता से रंगला पंजाब के खाते में पैसे मांग रही है जो सरासर गलत है, पैसा सीएम रिलीफ फंड में मांगा जाए
अपने डैम्स पर वैज्ञानिक नियंत्रण रखने के लिए पंजाब को अपना डैम सेफ्टी एक्ट लाने की जरूरत
खबर खास, चंडीगढ़ :
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह विधानसभा सत्र के दौरान पंजाब को बाढ़ में झोंकने के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार और भारतीय मौसम विभाग को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौसम विभाग ने अगर बारिश की गलत भविष्यवाणी की, तो पंजाब सरकार ने चेतावनी को अनदेखा किया, बल्कि बाढ़ को मानव निर्मित आपदा बना दिया। यह आप सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि पंजाब को अपना डैम सेफ्टी एक्ट चाहिए, ताकि राज्य अपने डैम्स पर वैज्ञानिक नियंत्रण रख सकें।
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी पंजाब सरकार ने डैम लगभग भरे रखे। जब बारिश आई तो घबराहट में गेट खोल दिए गए। जिससे हुआ यह कि पूरे गांव डूब गए, किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं, घर उजड़ गए और जानें खतरे में पड़ीं। यह दुर्भाग्य नहीं, लापरवाही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को वह पानी को संभाले और इसे चैनलाइज करके पानी से ज्यादा बिजली बनाए और रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करे। अब समय पंजाब को नई क्रांति की तरफ ले जाने का है।
परगट सिंह ने मौसम विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बार उनकी भविष्यवाणियां सही साबित नहीं हुई। जितना कहा गया, उससे कहीं ज्यादा मिलीमीटर बारिश हुई। पंजाब के लोग अविश्वसनीय डेटा की कीमत चुका रहे हैं और अनुमान को अंदाजे पर नहीं छोड़ सकते। उन्होंने मांग की है कि मौसम विभाग को अपग्रेड करने की जरूरत है, ताकि वह मौसम संबंधी जानकारियां सही और स्टीक दे सकें। जिससे की पंजाब की तरह किसी राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैसा न हो।
बाढ़ के बाद पंजाब के पुनर्वास पर आप सरकार पर फंड जुटाने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष होने के बावजूद रंगला पंजाब के खाते में लोगों से पैसे मंगवा रही है, जोकि सरासर गलत है। सरकार को राहत के लिए फंड जुटाना है तो वह सिर्फ सीएम राहत कोष में ही मंगवाया जाना चाहिए। उन्होंने इसमें घोटाले की आशंका जताई है।
परगट सिंह ने कहा अमेरिका जैसे देश बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, गूगल जैसी कंपनियां पावर प्लांट बुक करने में जुटी हैं। देश में भी गुजरात हर साल हजारों मिलियन यूनिट रिन्यूएल एनर्जी पैदा कर रही है। कच्छ में हजारों मेगावाट हाइब्रिड पार्क बन रहा है। वहीं अगर पंजाब की बात करें तो हमें जुलाई 2025 में बिजली बाहरी राज्यों से खरीदनी पड़ी। जो पंजाब देश का अन्नदाता है, उसी की बिजली जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। हमें भी अपने पावर प्लांटों की क्षमता बढ़ाकर बिजली उत्पादन बढ़ाने पर काम करना चाहिए। ताकि हमें जरूरत पड़ने पर बाहरी राज्यों से बिजली खरीदने की नौबत न आए।
उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर पॉलिसी बनाने की जरूरत है। जैसे की अन्य राज्यों ने चौबीस घंटे निर्विघन बिजली देने के लिए डाटा सेंटर स्थापित किए हैं। अगर पंजाब भी हाइड्रो प्रोजेक्ट्स लाए जाएं तो कोयले पर हमारी निर्भरता कम होगी और बिजली उत्पादन बढ़ने के साथ रोजगार भी पैदा होंगे। युवा विदेशों नहीं भागेंगे।
परगट सिंह ने पंजाब के युवाओं के विदेश जाने पर कहा कि नौजवान विदेश इसलिए नहीं जा रहे हैं कि वह जाना चाहते हैं, बल्कि उनको अपना घर छोड़ना पड़ रहा है कि उनको यहां अवसर नजर नहीं आ रहे हैं।
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