पंजाब सरकार ने 2024 के दौरान राज्य के निवासियों को बेहतर नागरिक सेवाएं प्रदान करने और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह प्रगति शहरी बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवा क्षेत्रों में एक वर्ष के दौरान किए गए विकास को प्रदर्शित करती है।
शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार हेतु 450 करोड़ रुपये की योजना
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत पंजाब सरकार द्वारा 401.73 करोड़ रुपये आवंटित
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने 2024 के दौरान राज्य के निवासियों को बेहतर नागरिक सेवाएं प्रदान करने और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह प्रगति शहरी बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवा क्षेत्रों में एक वर्ष के दौरान किए गए विकास को प्रदर्शित करती है।
स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि पंजाब में कुल स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता 2142 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) से बढ़कर 2634.15 एमएलडी हो गई है, जिसमें 492.15 एमएलडी की अतिरिक्त क्षमता जोड़ी गई है। इस वृद्धि का उद्देश्य शहरी आबादी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना और स्वच्छ जल संबंधित प्रणालियों को सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त, 650 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 607 एमएलडी की क्षमता वाले 52 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माणाधीन हैं। ये परियोजनाएं अगले 1-2 वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है, जिससे राज्य की सीवरेज प्रबंधन क्षमता और अधिक बढ़ेगी।
डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार शहरी बुनियादी ढांचे के सुधार को प्राथमिकता दे रही है। शहरी स्थानीय इकाइयों (यूएलबी) के पास उपलब्ध फंड्स और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान आवंटित 450 करोड़ रुपये की ग्रांट से शहरी इलाकों में महत्वपूर्ण विकास कार्य शुरू किए गए हैं। इन प्रयासों के तहत शहरी क्षेत्रों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, नागरिक सुविधाओं में सुधार होगा और निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जाएगा।
भूमिगत जल पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार सतही नहरी जल के माध्यम से बड़े पैमाने पर जल आपूर्ति परियोजनाओं को लागू कर रही है। इनमें अमृतसर (440 एमएलडी), जालंधर (275 एमएलडी), और पटियाला (115 एमएलडी) जैसे प्रमुख शहरों में परियोजनाएं क्रियाशील हैं। इसके अलावा, 580 एमएलडी की क्षमता वाली लुधियाना जल आपूर्ति परियोजना भी जल्द ही क्रियाशील हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, राज्यभर के 87 कस्बे सतही जल आपूर्ति परियोजनाओं पर केंद्रित हैं। इस परियोजना का उद्देश्य शहरी आबादी के लिए निरंतर और स्थायी जल उपलब्ध कराना है। जल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लुधियाना, अमृतसर, और जालंधर में दिन-रात जल आपूर्ति पायलट परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। ये प्रयास "ड्रिंक फ्रॉम टैप" प्रोग्राम को पंजाब के अन्य शहरों तक विस्तारित करने की व्यापक योजना का हिस्सा हैं।
सरकार की सफाई के प्रति प्रतिबद्धता के तहत, पंजाब ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मशीनरी की खरीद, अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करने और पुराने कचरे के निपटान के लिए शहरी स्थानीय इकाइयों को 401.73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य में सफाई और सीवरेज संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए 39.55 करोड़ रुपये के निवेश से 730 सीवर सफाई मशीनें खरीदी जा रही हैं।
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