राज्य में नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए चलाई जा रही व्यापक "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम के तहत पंजाब सरकार ने आज तरनतारन जिले के भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव नौशहरा ढाला में अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक का जमीनी स्तर पर ट्रायल किया।
राज्य में नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए चलाई जा रही व्यापक "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम के तहत पंजाब सरकार ने आज तरनतारन जिले के भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव नौशहरा ढाला में अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक का जमीनी स्तर पर ट्रायल किया।
कैबिनेट मंत्री अरोड़ा और भुल्लर रहे मौजूद
खबर खास, चंडीगढ़/तरनतारन :
राज्य में नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए चलाई जा रही व्यापक "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम के तहत पंजाब सरकार ने आज तरनतारन जिले के भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव नौशहरा ढाला में अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक का जमीनी स्तर पर ट्रायल किया। पिछले दो वर्षों में ड्रोन गतिविधियों और सीमा पार से तस्करी के हॉटस्पॉट बने सराय अमानत खान क्षेत्र में किया गया यह ट्रायल पंजाब की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है।
इस ट्रायल के दौरान पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर समेत पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह ट्रायल 4 और 5 मार्च 2025 को एस.ए.एस. नगर, मोहाली में किए गए प्रदर्शनों की कड़ी को जारी रखते हुए किया गया।
ट्रायल के उपरांत मीडिया को संबोधित करते हुएअमन अरोड़ा ने बताया कि इसका उद्देश्य हथियारों, विस्फोटकों और मादक पदार्थों की ड्रोन आधारित तस्करी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए विकसित की गई अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन प्रणाली का विश्लेषण करना था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिन्हें पिछली सरकारें हल करने में असफल रहीं। श्री अमन अरोड़ा ने कहा, "सालों से पंजाब में नशे का कारोबार अनगिनत जिंदगियों को तबाह कर चुका है, जबकि पिछली सरकारों ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज किया। आज मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में हम राज्य से इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं।"
एक निजी कंपनी द्वारा प्रदर्शित इन एंटी-ड्रोन प्रणालियों में ड्रोन की खोज, पहचान और नष्ट करने की क्षमताएं शामिल हैं, जो पंजाब की रक्षा रणनीति को और मजबूत करने का हिस्सा हैं। ये प्रणालियां सीमा पार करने वाले ड्रोन को निशाना बनाकर गैर-कानूनी गतिविधियों, जो कानून लागू करने के लिए बढ़ती चिंता का विषय बन रही हैं, को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यह ट्रायल चुनौतीपूर्ण सीमावर्ती परिस्थितियों में तकनीक की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए वास्तविक परिस्थितियों में किया गया था। अमन अरोड़ा ने कहा कि जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) की है, वहीं पंजाब सरकार भी इस संबंध में ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने एंटी-ड्रोन तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाली दुनिया भर की अन्य कंपनियों को भी ऐसे प्रदर्शनों के लिए पंजाब आने का आमंत्रण दिया, क्योंकि पंजाब सरकार सीमा पार से नशों की तस्करी और नार्को-आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए विश्व की सर्वोत्तम एंटी-ड्रोन तकनीक हासिल करना चाहती है।
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