कहा, आनंदपुर साहिब में विशेष विधान सभा सत्र, ड्रोन शो और पूरे राज्य में नगर कीर्तन, कीर्तन दरबार, लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएंगे श्री आनंदपुर साहिब में 10,000 संगतों के रहने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जाएगी
कहा, आनंदपुर साहिब में विशेष विधान सभा सत्र, ड्रोन शो और पूरे राज्य में नगर कीर्तन, कीर्तन दरबार, लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएंगे श्री आनंदपुर साहिब में 10,000 संगतों के रहने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जाएगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित पूरे देश में भव्य कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस श्रृंखला के दौरान नगर कीर्तन, कीर्तन दरबार, लाइट एंड साउंड शो, ड्रोन शो और आनंदपुर साहिब में प्रमुख धार्मिक सभाओं सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो गुरु साहिब की अद्वितीय क़ुर्बानी और धर्मनिरपेक्षता की विरासत को दुनिया भर में उजागर करेंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य गुरु साहिब के धर्मनिरपेक्ष संदेश, विश्वव्यापी भाईचारे और बलिदानी की स्थायी विरासत का प्रचार करना और सभी समुदायों में सद्भावना और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करना है।
आज यहां पर्यटन विभाग के कार्यालय में धार्मिक पैनल की बैठक में शामिल होने के उपरांत, पंजाब के शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली के साथ मीडिया को संबोधित किया।
बैंस ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 'हिंद की चादर' के तहत 9वें गुरु साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर गहरी श्रद्धा राहत राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब की क़ुर्बानी, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों की रक्षा संबंधी विरासत के प्रचार के लिए कार्यक्रमों की श्रृंखला की योजना बनाई गई है। इन कार्यक्रमों की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों में चार नगर कीर्तन से की जाएगी। इनमें से एक नगर कीर्तन 18 नवंबर को गुरुद्वारा छठवीं पातशाही, श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) से शुरू होगा। इस नगर कीर्तन में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शामिल होंगे, जबकि बाकी तीन नगर कीर्तन मालवा (फरीदकोट और बठिंडा), और माज़ा व दोआब क्षेत्रों से शुरू होंगे। चारों नगर कीर्तन 22 नवंबर की शाम को श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि शहीदी समारोह की औपचारिक शुरुआत 25 अक्टूबर को दिल्ली के गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में अरदास के साथ होगी, जिसके उपरांत उसी शाम गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में कीर्तन दरबार आयोजित किया जाएगा। इसके बाद मुख्य कार्यक्रम 23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें दुनिया भर से एक करोड़ से अधिक संगत के पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 19 से 30 नवंबर तक संगत के रहने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जाएगी, जिसमें प्रतिदिन 10,000 संगतों के रहने की व्यवस्था होगी। यहां आयोजित कार्यक्रमों में अखंड पाठ साहिब, सर्वधर्म सम्मेलन, प्रदर्शनी और ड्रोन शो शामिल होंगे।
बैंस ने आगे कहा कि गुरु साहिब के जीवन और शहादत को दर्शाने के लिए पंजाब का पलेट और नवीनतम ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा और कीरतपुर साहिब से एक विशेष नगर कीर्तन निकाली जाएगी। पंजाब विधानसभा का एक ऐतिहासिक सत्र 24 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित करने का प्रस्ताव भी है। यह समारोह ‘हुकमनामा’, रस-भिन्ने कीर्तन और ‘सर्बत के भले’ की अरदास के साथ संपन्न होगा और इस दौरान राज्य भर में रक्तदान शिविरों के अलावा 3.50 लाख पौधे लगाने वाली मेगा मुहिम भी चलाई जाएगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंगदान प्रतिज्ञा लेने संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि 1 से 18 नवंबर तक, पंजाब के सभी 23 जिलों में 9वें गुरु साहिब और उनके शिष्यों- भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दियाला जी के जीवन पर आधारित लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएंगे। श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी की चरणछोह प्राप्त 130 पवित्र स्थानों पर कीर्तन दरबार भी आयोजित किए जाएंगे। गुरु साहिब के जीवन से जुड़े अन्य प्रमुख शहरों, जिनमें अमृतसर, बाबा बकाला और पटियाला शामिल हैं, के लिए भी बड़े आयोजन की योजना बनाई गई है।
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान 5 अक्टूबर को श्री आनंदपुर साहिब में एक हेरिटेज स्ट्रीट का शिलान्यास करेंगे और विशाल धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए धार्मिक पैनल के साथ बैठक करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि गुरु तेग बहादर साहिब जी की शहादत की याद में होने वाले कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को धर्मनिरपेक्षता और मानव मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपनी जान की आहुति देकर गुरु तेग बहादर साहिब जी ने धार्मिक श्रद्धा और मान्यताओं के लिए डटकर खड़े रहने और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने की एक अद्वितीय मिसाल कायम की। ये कार्यक्रम सहिष्णुता, सद्भावना और मानव अधिकारों की रक्षा को प्रोत्साहित करने के महत्व की याद दिलाएंगे।
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