सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण और गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने की अपनी चल रही पहल में, स्कूल और उच्च शिक्षा और जनसंपर्क मंत्री, हरजोत सिंह बैंस ने आज शाम मोहाली जिले से एक नई पहल “शिक्षकों के साथ संवाद” की शुरुआत की। उन्होंने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में लगभग दो घंटे तक शिक्षकों की बातों को ध्यान से सुना।
पंजाब के शिक्षा मंत्री ने मोहाली से चल रहे शिक्षा सुधारों और कार्यक्रमों की प्रगति जानने के लिए “शिक्षकों के साथ संवाद” की शुरुआत की
खबर खास, एसएएस नगर :
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण और गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने की अपनी चल रही पहल में, स्कूल और उच्च शिक्षा और जनसंपर्क मंत्री, हरजोत सिंह बैंस ने आज शाम मोहाली जिले से एक नई पहल “शिक्षकों के साथ संवाद” की शुरुआत की। उन्होंने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में लगभग दो घंटे तक शिक्षकों की बातों को ध्यान से सुना।
मंत्री बैंस ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों में चल रहे सुधारों और कार्यक्रमों के बारे में प्रिंसिपलों, हेडमास्टरों, बीपीईओ, सेंटर हेड टीचरों, विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों और स्कूल कैंपस प्रबंधकों से फीडबैक प्राप्त करना है, ताकि आगे सुधार या बदलाव किया जा सके।
उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए स्कूल ऑफ एमिनेंस, स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और स्कूल ऑफ ब्रिलियंस की अवधारणा पेश करके मौजूदा शिक्षा प्रणाली में सुधार किए हैं और उन्हें चंद्रयान व सैटेलाइट लॉन्च होते देखने के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान किया है। इसी तरह, स्कूल प्रिंसिपलों, हेडमास्टरों और शिक्षकों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के अनुसार हमारी शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल से लैस करने के लिए सिंघपुर, आईआईएम अहमदाबाद और अब फिनलैंड से प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में शिक्षा के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के बराबर बनाने और वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना पैदा करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे आलोचकों को केवल यही जवाब है कि हमारे स्कूलों को नए युग के स्कूलों में बदला जाए, जिनमें क्षमता और बुनियादी ढांचे में वृद्धि हो।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक 1000 स्कूलों का दौरा किया है और पाया है कि अधिकांश शिक्षक अपने काम के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे और अन्य उन्नयन के लिए कुल 20,000 स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया और उन्हें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि लगभग 8000 स्कूलों में 1300 किलोमीटर की चारदीवारी बनाई गई है, जबकि 10,000 कक्षाओं का निर्माण/नवीनीकरण और नया रूप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 500 से अधिक विद्यार्थियों वाले वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कैंपस मैनेजर, सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मचारियों की अवधारणा की शुरूआत ने शिक्षण कार्य को बढ़ावा दिया है क्योंकि शिक्षकों के पास अब पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय है। उन्होंने कहा कि मेगा पीटीएम ने छात्रों के अभिभावकों को शिक्षकों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया है और वह उस दिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान
भी दौरे के दौरान उनके निर्वाचन क्षेत्र आनंदपुर साहिब में छात्रों की प्रतिक्रिया देखकर आश्चर्यचकित थे।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया और इसमें वे सफल भी हुए। प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड गए अध्यापकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए उन्हें अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया। सोहाना स्कूल की अदिति और माजरी ब्लॉक के सतनाम सिंह ने कहा कि फिनलैंड सरकार प्राथमिक शिक्षा के दौरान बच्चों की खुशी पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्होंने अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई में आगे बढ़ाने के लिए कौशल सीखा है।
शिक्षा मंत्री ने जिन प्रिंसिपलों और प्रमुखों के साथ बातचीत की उनमें संध्या-प्रिंसिपल, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गोबिंदगढ़, अंशुल जैन-प्रमुख सरकारी हाई स्कूल रामगढ़ रुडकी,
खुशविंदर कौर-प्रमुख, जीएचएस देसूमाजरा, गुरसेवक सिंह-प्रमुख, जीएचएस कुंभरा, लविश-प्रिंसिपल, एसओई, फेज 11, मोहाली, शुभवंत कौर-प्रमुख जीएचएस सनेटा, प्रेरणा-प्रमुख, जीएचएस कराला, जतिन मिगलानी बीपीईओ खरड़, बलदेव सिंह कैंपस मैनेजर सोहाना, खुशविंदर कौर देसूमाजरा, सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहगढ़ से सतिंदर पाल कौर, अमनप्रीत कौर जीपीएस जुझार नगर, दविंदर कौर जीपीएस मीरपुर (डेराबस्सी) स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और कई अन्य शामिल थे।
मिशन समर्थ, आरंभ, नये छात्रों को प्रेरने का अभियान और साथी परियोजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, जिसके तहत आईआईटी कानपुर पंजाब के सरकारी स्कूलों को एआईईईई का अनलाइन प्रशिक्षण देता है और शिक्षकों के लिए इन-हाउस प्रशिक्षण पर भी चर्चा की गई। नये दाख़िलों में रिकॉर्ड वृद्धि के लिए जीपीएस बलटाना, जीपीएस सैदपुरा, जीएसएसएस फेज 11, मोहाली, एसओई मुल्लांपुर और एसओई 3बी1 सहित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया गया, जबकि जीपीएस जुझार नगर, जीपीएस झूँगियाँ(खरड़), जीपीएस छाजूमाजरा, जीएमएस जस्टाना कलां और जीएमएस खिजरगढ़ (बानूर) को मिशन समर्थ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूल घोषित किया गया।
मंत्री ने कहा कि “शिक्षकों के साथ संवाद” पंजाब में शिक्षा प्रणाली के इतिहास में एक नया मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों और कैंपस प्रबंधकों जैसे सभी हितधारकों के साथ सीधी बातचीत होगी।
जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) डॉ. गिन्नी दुग्गल ने मंत्री का स्वागत किया और उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया।
मंत्री ने अध्यापकों से विद्यार्थियों को 4 दिसंबर को होने वाली परख परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार करने का आह्वान किया। इस अवसर पर विशेष सचिव (शिक्षा) चर्चिल कुमार, सचिव पीएसईबी संजीव कुमार, डीपीआई (सेकेंडरी) परमजीत सिंह और डीपीआई (एलिमेंट्री) हरकीरत कौर चन्ने भी उपस्थित थे।
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