पंजाब के जल स्रोत, खनन व भू-विज्ञान और भूमि व जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में जहां राज्य की तरक्की और सर्वपक्षीय विकास के लिए बड़े उपाय किए जा रहे हैं, वहीं डैमों और नहरी पानी का सुचारू उपयोग करके टेलों तक नहरी पानी पहुंचाने की व्यापक योजना तैयार की गई है ताकि भूजल और बिजली की बचत की जा सके।
कहा, डैमों और नहरों के पानी का सिंचाई के लिए 100 प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा
राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग का बजट 400 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए किया
खबर खास, चंडीगढ़/फ़रीदकोट :
पंजाब के जल स्रोत, खनन व भू-विज्ञान और भूमि व जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में जहां राज्य की तरक्की और सर्वपक्षीय विकास के लिए बड़े उपाय किए जा रहे हैं, वहीं डैमों और नहरी पानी का सुचारू उपयोग करके टेलों तक नहरी पानी पहुंचाने की व्यापक योजना तैयार की गई है ताकि भूजल और बिजली की बचत की जा सके।
वह आज, यहां मचाकी मल्ल सिंह रोड पर सरहिंद फीडर तथा राजस्थान फीडर नहरों पर 10.24 करोड़ की लागत से नए बनाए गए स्टील के पुलों का उद्घाटन करने के दौरान किया गया। इस मौके पर गोयल ने बताया कि इन पुलों के बनने से फ़रीदकोट के अलावा अन्य ज़िलों को भी आवागमन के लिए बड़ी सुविधा मिलेगी क्योंकि इससे पहले ये पुल बहुत संकरे थे जिससे लोगों को आवागमन से संबंधित कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि ये पुल निर्धारित समय से 4 महीने पहले तैयार किए गए हैं जिसके लिए ज़िला प्रशासन और विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि इन दोनों नहरों पर तलवंडी बाईपास के ऊपर भी करीब 40 करोड़ रुपए की लागत से 2 और पुलों का निर्माण किया जा रहा है और उनमें से 1 पुल जनवरी महीने तक आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।
गोयल ने आगे बताया कि पंजाब सरकार द्वारा जल स्रोतों के सुचारू उपयोग संबंधी प्राथमिक आधार पर योजना बनाई गई है और पंजाब सरकार ने सिंचाई विभाग का बजट 400 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए किया है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा नहरों और डैमों के पानी के उपयोग के लक्ष्य को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है और 38 प्रतिशत बर्बाद जा रहे पानी को उपयोग में लाने के लिए नहरों का नवीनीकरण सहित रजवाहे व खालों आदि को पक्का किया जाएगा और उनमें पानी की क्षमता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि नहरी पानी के 100 प्रतिशत उपयोग से भूजल पर निर्भरता काफ़ी हद तक घटेगी। इसके अलावा ट्यूबवेलों का उपयोग घटने के कारण बिजली की भी बड़ी मात्रा में बचत होगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के प्राकृतिक संसाधन भूजल को बचाना पंजाब सरकार की बड़ी पहल है और पिछले 40 वर्षों में किसी भी सरकार ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया।
इससे पहले कैबिनेट मंत्री को बाबा फ़रीद यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में पहुंचने पर पुलिस की टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई।
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