पशुओं के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने घोड़ों, गधों और खच्चरों के लिए राज्य स्तर पर नि:शुल्क टेटनस टॉक्सॉइड टीकाकरण अभियान चलाने की घोषणा की है।
पशुओं के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने घोड़ों, गधों और खच्चरों के लिए राज्य स्तर पर नि:शुल्क टेटनस टॉक्सॉइड टीकाकरण अभियान चलाने की घोषणा की है।
पशुपालन मंत्री द्वारा टेटनस के खिलाफ राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान चलाने के लिए अधिकारियों को उचित प्रबंध करने के निर्देश
"आधुनिक जांच तकनीकों द्वारा पालतू जानवरों की देखभाल और इलाज" विषय पर सेमिनार का उद्घाटन
खबर खास, चंडीगढ़ :
पशुओं के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने घोड़ों, गधों और खच्चरों के लिए राज्य स्तर पर नि:शुल्क टेटनस टॉक्सॉइड टीकाकरण अभियान चलाने की घोषणा की है।
आज यहां इस संबंध में घोषणा करते हुए पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पशुपालन विभाग जल्द ही सभी घोड़ों, गधों और खच्चरों को टेटनस टॉक्सॉइड का टीका लगाने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगा। उन्होंने घोड़ों के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सुनिश्चित करने के लिए इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने हेतु विभागीय अधिकारियों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।
कैबिनेट मंत्री यहां किसान भवन में पशुपालन विभाग द्वारा ए.एस.सी.ए.डी. योजना के तहत आयोजित "आधुनिक जांच तकनीकों द्वारा पालतू जानवरों की देखभाल और इलाज" विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
पशु चिकित्सकों और किसानों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए, स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि पशु चिकित्सकों को विभाग की योजनाओं के लाभों की जानकारी किसानों तक पहुंचाने और उनकी सहायता करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा तकनीकी विशेषज्ञता और व्यावहारिक उपयोग के बीच की खाई को पाटते हुए किसानों को कृषि से जुड़े सहायक व्यवसायों में सफल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
सेमिनार के दौरान, गुरु नानक देव वेटरनरी और एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के विशेषज्ञों ने बड़े पशुओं में बार-बार गर्भधारण न होने के उपचार, घोड़ों, गधों और खच्चरों में कोलिक के प्रबंधन, पशुओं में परजीवी बीमारियों की आधुनिक जांच तकनीकों, और सांप के काटने के मामलों में आधुनिक प्रबंधन तकनीकोंपर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी ने कहा कि चर्चित विषय पूरी तरह क्षेत्र-विशेष से संबंधित थे और सभी पशु चिकित्सकों एवं पशुपालन विशेषज्ञों ने इस पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकें दूध उत्पादन बढ़ाने, आवारा पशुओं की संख्या कम करने और सभी जानवरों के कल्याण में सहायक सिद्ध होंगी।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
Comments 0