भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने मोहाली जिले में नायब तहसीलदार रहे वरिंदरपाल सिंह दूत को नौकरी से बर्खास्त किया है। आरोप है कि उन्होंने गैरकानूनी रूप से 10365 कनाल 19 मरला शामलात जमीन का म्यूटेशन पास कराया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने मोहाली जिले में नायब तहसीलदार रहे वरिंदरपाल सिंह दूत को नौकरी से बर्खास्त किया है। आरोप है कि उन्होंने गैरकानूनी रूप से 10365 कनाल 19 मरला शामलात जमीन का म्यूटेशन पास कराया है।
निजी लोगों को पहुंचाया फायदा
खबर खास, चंडीगढ़ :
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने मोहाली जिले में नायब तहसीलदार रहे वरिंदरपाल सिंह दूत को नौकरी से बर्खास्त किया है। आरोप है कि उन्होंने गैरकानूनी रूप से 10365 कनाल 19 मरला शामलात जमीन का म्यूटेशन पास कराया है। मामले की जांच सेवानिवृत्त जज बीआर बंसल ने की जो जांच अधिकारी थे। उन्होंने सभी आरोपों को सही ठहराया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व अनुराग वर्मा ने 24 फरवरी को उक्त आरोपी की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है।
दरअसल वरिंदरपाल पर आरोप है कि उन्होंने प्रापर्टी डीलरों और भू-माफियों के साथ जुड़े कुछ व्यक्तियों के साथ मिलकर यह गड़बड़झाला किया। उसने गांव माजरियां, सब तहसील माजरी, जिला मोहाली की जमीन के तक्सीम के इंतकाल करने को राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी की थी। जिसमे जमीन के खेवट नंबर में मलकीयत तबदील की गई और गलत मुखत्यार नामों के जरिए आम लोग के नाम तबदील कर दी गई। 2020 में ब्यूरो ने इसी इलाके में स्थित गांव करोरां की बेशकीमती जमीन को ऐसी मिलीभगत के द्वारा मलकीयत तबदील करके आगे बेचे जाने का पर्दाफाश किया था। इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। इसके अलावा ईडी भी मामले की जांच कर रही है।
वरिंदरपाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामला दर्ज किया है। ईडी इस मामले में अपनी चार्जशीट फाइल कर चुकी है। एजेंसी ने 12 लोगों को आरोप बनाया है। आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 44 के तहत कार्रवाई की है। ईडी ने अप्रैल 2023 में आरोपी की अरेस्ट भी डाली थी। वहीं, उसकी चंडीगढ़ और होशियारपुर में आठ करोड़ रुपये मूल्य की आवासीय संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
गौर रहे कि पहले सरकार ने श्री मुक्तसर साहिब के उपायुक्त 2016 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश त्रिपाठी को निलंबित किया था। इसके बाद उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू की है।
इसके अलावा पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस विभाग में 52 कर्मचारियों को निलंबित किया था। जिसमें कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के मुलाजिम थे। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने उचित तरीके से काम नहीं किया। वहीं, इनके खिलाफ मामले की शिकायत थी।
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