सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसान आंदोलन को लेकर गठित हाई पावर कमेटी की बैठक आज, शनिवार को उस समय रद्द कर दी गई जब किसानों के उग्राहां समून ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी और किसान संगठनों के बीच प्रस्तावित वार्ता में गतिरोध जारी है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसान आंदोलन को लेकर गठित हाई पावर कमेटी की बैठक आज, शनिवार को उस समय रद्द कर दी गई जब किसानों के उग्राहां समून ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी और किसान संगठनों के बीच प्रस्तावित वार्ता में गतिरोध जारी है।
गौर रहे कि बीते रोज किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व वाले समूह ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके कारण उस दिन की बैठक रद्द करनी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने उग्राहां समूह को आज बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इस समूह ने भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।
दरअसल इस पूरे मामले पर किसान संगठनों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का गठन उनके हितों की रक्षा के बजाय, सरकार के रुख को समर्थन देने के लिए किया गया है। किसान संगठनों का यह भी आरोप है कि तीन कृषि कानून रद्द होने के बावजूद, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, कर्ज माफी, और अन्य लंबित मांगों को लेकर सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसलिए उग्राहां ग्रुप ने राजेवाल के फैसले का समर्थन करते हुए स्पष्ट किया कि वे इस कमेटी के साथ बातचीत का हिस्सा नहीं बनेंगे।
वहीं, किसान संगठनों के बातचीत के लिए नहीं आने पर हाई पावर कमेटी एमएसपी की गुत्थी सुलझाने के लिए अब कृषि से जुड़े आयोगों, निजी एजेंसियों व विशेषज्ञों से बातचीत करने का सिलसिला शुरू करने जा रही है। कमेटी ने सात जनवरी से उन संस्थानों को चर्चा के लिए न्यौता दिया है जो न केवल एमएसपी निर्धारित करते हैं और कृषि नीतियों पर काम करते हैं। कमेटी ने सबसे पहले खेती लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजयपाल शर्मा को बुलाया है, ताकि एमएसपी के गणित को समझा जा सके। इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को भी न्यौता भेजा गया है।
Comments 0