किसान आंदोलन के चलते पंजाब की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर हुए गंभीर प्रभावों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इस आंदोलन ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि प्रदेश की विकास प्रक्रिया को भी बुरी तरह प्रभावित किया। इतना ही नहीं आम लोगों की दैनिक जिंदगी में भी इसके प्रभाव गंभीर देखे गए। पंजाब में जमीन प्राप्ति में देरी, परियोजनाओं का रुकना, निवेश में गिरावट, और परिवहन क्षेत्र को पहुंचे नुकसान ने पंजाब की अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका दिया है।
पटरी से उतरी पंजाब की आर्थिकी, निवेश को भी पहुंचा नुकसान
शंभू सीमा खुली तो लोगों ने ली राहत की सांस, लंबे समय से इस रास्ते से गुजरने वाले हो रहे थे प्रभावित
खबर खास, चंडीगढ़ :
किसान आंदोलन के चलते पंजाब की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर हुए गंभीर प्रभावों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इस आंदोलन ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि प्रदेश की विकास प्रक्रिया को भी बुरी तरह प्रभावित किया। इतना ही नहीं आम लोगों की दैनिक जिंदगी में भी इसके प्रभाव गंभीर देखे गए। पंजाब में जमीन प्राप्ति में देरी, परियोजनाओं का रुकना, निवेश में गिरावट, और परिवहन क्षेत्र को पहुंचे नुकसान ने पंजाब की अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका दिया है। लेकिन अब जबकि शंभू और खनौरी सीमा पुलिस ने किसानों से खाली करवाकर रास्ता खुलवा दिया गया है, उसके बाद यहां से अपने काम काज के लिए गुजरने वाले नौकरीपेशाऔर व्यापारी वर्ग के साथ-साथ उद्योगपतियों ने भी राहत की सांस ली है।
एनएचएआई ने तीन बड़ी परियोजनाओं से खींचा हाथ, तीन हजार करोड़ से अधिक निवेश को लगा झटका
किसान आंदोलन जब शुरू हुआ तब हर किसी ने किसानों के साथ हमदर्दी रखते हुए पूरा-पूरा साथ दिया। लेकिन उससे हुआ यह कि पंजाब की बड़ी परियोजनाओं की प्रगति रूक गई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने तीन बड़ी परियोजनाओं को रद्द कर दिया है, जिसके कारण 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे के विकास की कई परियोजनाएं अधूरी रह गई हैं। यह स्थिति निवेशकों के लिए निराशाजनक बन गई है, जिससे
पंजाब में निवेश दर में भारी गिरावट आई है। पिछले कुछ समय के दौरान पंजाब में निवेश दर 85 प्रतिशत तक घट गई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
एक लाख से अधिक व्यपारिक इकाईयां गईं प्रदेश से बाहर
प्रदेश के व्यापारिक क्षेत्र में भी इस आंदोलन के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। पंजाब से लगभग एक लाख से अधिक व्यापारिक इकाईयां बाहर चली गई हैं, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश राज्य से बाहर चला गया है। किसानों के प्रदर्शनों के कारण व्यापारिक क्षेत्र को 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अकेले लुधियाना शहर में ही व्यापारियों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। 17 मार्च को पंजाब बंद के दौरान लुधियाना में
करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था।
सड़क, रेल परिवहन बंद होने से 1्र,500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान, ग्राहकों ने किया दूसरे राज्यों का रूख
वहीं, परिवहन क्षेत्र को भी इस आंदोलन के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सड़क और रेल परिवहन बंद होने के कारण 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ट्रांसपोर्टरों को रोजाना 80 से 100 किलोमीटर तक अधिक सफर करना पड़ा है, जिससे किराया बढ़ा है और औद्योगिक सामान के दामों में वृद्धि हुई है। इससे बहुत से ग्राहक पंजाब से दूसरे राज्यों की ओर रुख कर गए हैं, जिससे व्यापारियों के ऑर्डर कम हो गए हैं और आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं।
कृषि क्षेत्र ने भी झेला बड़ा नुकसान
कृषि क्षेत्र को भी इस आंदोलन के कारण बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। सड़कें बंद होने के कारण सब्जियों और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई है, जिससे कृषि उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। इसके अलावा, रेल रोको आंदोलन के कारण पंजाब में कोयले की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई है, जिससे बिजली की व्यापक कमी हुई है। अकेले लुधियाना शहर में ही बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण 16,730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पंजाब पर बढ़ा कर्ज का बोझ, सरकारी कर्ज 3.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा
इस आंदोलन के कारण पंजाब के लोगों पर कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। पंजाब का सरकारी कर्ज 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है। निजी क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं बढ़े हैं। पंजाब में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है।
किसान नेताओं और सरकार के बीच गंभीर विचार-विमर्श अनिवार्य
किसान आंदोलन ने पंजाब की अर्थव्यवस्था, सामाजिक ढांचे, और लोगों की दैनिक जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है। वैसे इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से ट्रैक पर लाया जा सके और लोगों की जिंदगी में स्थिरता आ सके।
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