विशेष डीजीपी गुरप्रीत कौर दियो ने ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यशाला का उद्घाटन किया; पहली कार्यशाला में 75 शिक्षकों को साइबर सुरक्षा संदेशवाहक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा
3,968 सरकारी हाई स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा: विशेष डीजीपी वी. नीरजा
खबर खास, चंडीगढ़ :
बच्चों को बढ़ते ऑनलाइन खतरों से बचाने और उनकी सुरक्षा एवं भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने आज “साइबर जागो” पहल की शुरुआत की। यह राज्यव्यापी कार्यक्रम स्कूली बच्चों को इंटरनेट सुरक्षा और उसके जिम्मेदार उपयोग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
इस पहल की शुरुआत स्पेशल डीजीपी (कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन) गुरप्रीत कौर दियो ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों और साझेदार संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की। यह कार्यक्रम एनजीओ स्पेस टू ग्रो और साइबर सुरक्षा फर्मों स्टारलाइट डेटा सॉल्यूशंस तथा साइबरकॉप्स कंप्लायंस सॉल्यूशंस के सहयोग से लागू किया जा रहा है। इसके माध्यम से राज्यभर में लगभग पांच लाख स्कूली बच्चों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।
पहली ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यशाला में सरकारी स्कूलों के 75 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा संबंधी एक पोस्टर और ब्रोशर भी जारी किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए स्पेशल डीजीपी (साइबर क्राइम, पंजाब) वी. नीरजा ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “वर्तमान पीढ़ी के बच्चे डिजिटल दुनिया में पूरी तरह डूबे हुए हैं। कोविड महामारी ने ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से हर घर में इंटरनेट और स्मार्टफोन पहुंचा दिया, जिससे बच्चे अपने माता-पिता से अधिक तकनीकी रूप से दक्ष हो गए हैं।” उन्होंने कहा कि “जहाँ इस तकनीकी सुविधा ने नई संभावनाएँ खोली हैं, वहीं इससे बच्चों के सामने कई ऑनलाइन जोखिम भी उत्पन्न हुए हैं।”
उन्होंने एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ए एस ई आर) 2025 के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत में अब 14 से 16 वर्ष आयु वर्ग के 76 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया और 57 प्रतिशत बच्चे शिक्षा के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल सामग्री की व्यापक उपलब्धता के साथ ही अनुचित सामग्री और साइबर खतरों में भी वृद्धि हुई है।
इस पहल के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए विशेष डीजीपी ने कहा कि “‘साइबर जागो’ कार्यक्रम इस विचार से प्रेरित है कि हमें अगली पीढ़ी के संरक्षकों के रूप में इन खतरों को समझकर बच्चों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए।” उन्होंने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों से ऑनलाइन सुरक्षा और संभावित जोखिमों पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि साइबर जागो कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यशालाओं के माध्यम से पंजाब के 3,968 सरकारी हाई स्कूलों के शिक्षकों की क्षमता-वृद्धि की जाएगी। इन कार्यशालाओं में शिक्षकों को निम्न विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा—साइबर हाइजीन और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार
संभावित खतरों की पहचान और रिपोर्टिंग प्रक्रिया,सुरक्षित सोशल मीडिया आचरण और डिजिटल संवाद,कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए आई) से जुड़े जोखिमों की समझ, ओ सी एस ई ए (ऑनलाइन बाल यौन शोषण एवं दुरुपयोग) की पहचान, उससे निपटने और कानूनी व्यवस्थाओं संबंधी जागरूक करने के लिए अध्यापकों को हुनर से लैस करना है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में छात्रों को इन विषयों पर शिक्षित करेंगे, ताकि वे संभावित ऑनलाइन खतरों को पहचान सकें और उनसे प्रभावी ढंग से निपट सकें।
Comments 0