मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने बिजली मंत्री को राज्य में धान की बुवाई के लिए अपनाई गई चरणबद्ध समय-सारणी संबंधी अवगत करवाया गया।
मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने बिजली मंत्री को राज्य में धान की बुवाई के लिए अपनाई गई चरणबद्ध समय-सारणी संबंधी अवगत करवाया गया।
खबर खास, चंडीगढ़ :
धान की बुवाई के मौजूदा सीजन के मद्देनज़र पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने आज पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमटिड ( पी. एस. पी. सी. एल.) और पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमटिड (पी. एस. टी. सी. एल.) के सीनियर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की जिससे राज्य भर के किसानों के लिए बिजली सप्लाई सम्बन्धी प्रबंधों की समीक्षा की जा सके।
मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने बिजली मंत्री को राज्य में धान की बुवाई के लिए अपनाई गई चरणबद्ध समय-सारणी संबंधी अवगत करवाया गया। इस समय सारणी में धान की सीधी बुवाई (डी. एस. आर.) भी शामिल है। सरकार के निर्देशों अनुसार, 15 मई से 31 मई, 2025 तक डी. एस. आर. की अनुमति दी गई थी, इसके साथ ही जिलों में चरणबद्ध ढंग से बुवाई शुरू की गई।
सरहदी और नहरी सिंचाई वाले जिलों जैसे फरीदकोट, बठिंडा, फ़िरोज़पुर, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का में 1 जून को बुवाई शुरू की गई थी। इसके उपरांत 5 जून से गुरदासपुर, पठानकोट, तरन तारन, अमृतसर, रूपनगर, एस. ए. एस नगर (मोहाली), फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में शुरू की गई थी। बाकी जिलों- लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, संगरूर, बरनाला, कपूरथला, जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर में आज 9 जून से बुवाई का काम शुरू हो गया है।
पी. एस. पी. सी. एल. के अधिकारियों ने बिजली मंत्री को बताया कि कृषि के लिए इस महत्वपूर्ण समय के दौरान निर्विघ्न बिजली सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए व्यापक प्रयास किये गए हैं। डी. एस. आर. के अधीन क्षेत्रों को 15 मई से रोज़मर्रा के 8 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है, जबकि धान की आम बुवाई के शड्यूल अनुसार यकीनी सप्लाई मिल रही है। इसके इलावा, रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों को निर्विघ्न बिजली प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व अधीन किसानों की भलाई के प्रति राज्य सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुये बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने कहा, ‘‘सरकार धान की बुवाई के सीजन के दौरान निर्विघ्न और अपेक्षित बिजली की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। धान के मौजूदा सीजन के दौरान हमारे किसानों की सहायता के लिए ज़रुरी कदम उठाए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल. और पी. एस. टी. सी. एल. के मध्य सक्रिय योजनाबंदी और तालमेल कृषि ज़रूरतों के प्रति सरकार के कुशल और किसान- अनुकूल पहुँच का प्रमाण है।
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