यह कार्यशाला पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम एवं मिशन लाइफ (स्थायी पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसमें विश्वविद्यालय की नवाचार परिषद का सहयोग भी शामिल था
यह कार्यशाला पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम एवं मिशन लाइफ (स्थायी पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसमें विश्वविद्यालय की नवाचार परिषद का सहयोग भी शामिल था
खबर खास, बठिंडा :
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब) ने पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से 12-13 अगस्त, 2025 को घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन – पृथक्करण और उपचार विषय पर दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का सफल आयोजन किया। यह कार्यशाला पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम एवं मिशन लाइफ (स्थायी पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसमें विश्वविद्यालय की नवाचार परिषद का सहयोग भी शामिल था।
कार्यशाला में गाँव घुद्दा एवं गाँव झुंबा के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों तथा गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल, बल्लुआना और पंजाबी विश्वविद्यालय कॉलेज, घुद्दा के 150 से अधिक छात्रों ने विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ भाग लिया और स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
कार्यशाला का नेतृत्व पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संकाय सदस्यों ने किया, जिसकी अध्यक्षता प्रो. योगलक्ष्मी के.एन. ने की। इसमें प्रो. वी.के. गर्ग, प्रो. सुनील मित्तल, डॉ. धन्या एम.एस., डॉ. प्रफुल्ल कुमार साहू और डॉ. अजय कुमार भी शामिल थे। प्रतिभागियों को प्लास्टिक अपशिष्ट पृथक्करण, मोटाई माप, जैव-अपशिष्ट से कम्पोस्ट और वर्मीकम्पोस्ट बनाने, और कम्पोस्टेबल, नॉन-कम्पोस्टेबल व पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों के पृथक्करण पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही बायोचार, कम्पोस्ट और प्लास्टिक कचरे से बनी हस्तशिल्प वस्तुएँ जैसी नवाचार आधारित प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
इस पहल का उद्देश्य छात्रों और प्रतिभागियों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाना, स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देना और सामुदायिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में सार्थक योगदान देने के लिए व्यावहारिक कौशल प्रदान करना था।
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