यह कार्यशाला पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम एवं मिशन लाइफ (स्थायी पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसमें विश्वविद्यालय की नवाचार परिषद का सहयोग भी शामिल था