‌वर्दी वालों से डरना मना है : चंडीगढ़ पुलिस का ‘समवेश’ है सिर्फ आपकी सु‌विधा के लिए…

0
49

खबर खास, चंडीगढ़

ऐसा सबके साथ होता है कि पुलिस दिख जाए दिल धड़कने लग जाता है और अगर कहीं पुलिस घर की डोर बैल बजा दे और सामने पुलिस का सिपाही खड़ा हो, फिर तो हालात और भी पतले हो जाते हैं। यह वो डर है जो पुलिस को लेकर हमारे सबके मन में बसा हुआ है। इसकी बेशक हजार वजहें हों, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने इस डर को आपके मन से निकालने का ऐसा प्रयास किया है कि आप भी पुलिस को देखकर अब डरेंगे नहीं बल्कि सैलूट मारेंगे। पुलिस और पब्लिक में डर रहित बेहतर तालमेल और पारदर्शी तरीके से संपर्क कायम करने से चंडीगढ़ पुलिस ने समावेश की शुरूआत की है। यह पब्लिक को दी जाने वाले ऐसी सुविधा है, जिसमें आप बेशिझक पुलिस के साथ एक तो राब्ता कायम कर सकते हो और साथ ही पुलिस के बिहेवियर को लेकर जो आपके मन में शंकाएं हैं, उनका भी निवारण कर पाएंगे।

क्या है चंडीगढ़ पुलिस का ‘समावेश’

दरअसल, चंडीगढ़ पुलिस में पब्लिक डीलिंग और बेहतर करने के प्रयास से समावेश की शुरूआत की गई है। समावेश के जरिए पुलिस का मुलाजिम आपकी पासपोर्ट वैरीफिकेशन, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य जितनी भी सुविधाएं आपको ई-साथी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए मिलती हैं, उनको आपके घर आकर बिना किसी परेशानी से बहुत ही सरल तरीके से आपको वह सुविधाएं देने का प्रयास करता है। चंडीगढ़ पुलिस की इस पहल का सबसे जरूरी काम यह है कि जनता के मन में बसी हुई पुलिस की डरावनी छवि को ठीक करना है और भ्रष्टाचार को खत्म करना है।

चंडीगढ़ पुलिस की ओर से थानों में ऐसे मुलाजिमों की टीम तैयार की गई है, जो लोगों को घर पर जाकर वैरिफिकेश और अन्य पुलिस कार्यप्रणाली से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। इसके साथ ही यह मुलाजिम लोगों को जागरूक भी करते हैं कि पुलिस से डरने की नहीं, बल्कि उन्हें सहयोग करने की जरूरत है। इसके साथ ही समझाया जाता है कि वैरीफिकेशन व पुलिस से जुड़े अन्य काम लेने के लिए किसी भी तरह का कोई गलत तरीका अपनाने की जरूरत नहीं है। पुलिस आपके लिए है और आपके सहयोग के लिए ही निस्वार्थ काम करती है।

चंडीगढ़ पुलिस के अधिकतर मुलाजिम ही हैं समावेश की टीम में

पुलिस विभाग समावेश प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए सेक्टर-39 थाना के समावेश टीम इंचार्ज हरीश पांडे ने बताया कि चंडीगढ़ में 16 पुलिस थानों में समावेश की पुलिस टीम के मुलाजिम इस काम में कार्यरत हैं। इस टीम को पब्लिक फ्रेंडली ड्रैस पहनाई जाती है, जिससे कि लोगों में पुलिस को देखकर बिलकुल भी डर महसूस न हो। भले ड्रेस पुलिस की ही है, लेकिन इसमें कई चीजों का ध्यान रखा गया है। अगली बार जब समावेश का पुलिस मुलाजिम आपके घर किसी वैरीफिकेशन के सिलसिले में आएगा तो आप खुद समझ जाएंगे कि पुलिस की यह पहल आपके लिए कितनी सुविधाजनक है। चंडीगढ़ के हर पुलिस थाने में समावेश की अलग से व्यवस्था की गई है।

चंडीगढ़ के नागिरकों को जागरूक भी करती है समावेश की टीम

लोगों को पुलिस कार्यप्रणाली से दोस्ताना संपर्क साधने और पुलिस का लोगों को मन से डर निकालने के लिए समावेश के पुलिस मुलाजिम लोगों और सीनियर सिटीजनों को अपने स्तर पर भी जागरूक करते हैं। पुलिस के प्रति जो लोगों को मन में डर और कई तरह की भ्रांतियां हैं, उन्हें भी खत्म करने की कोशिश की जाती है ताकि अगली बार जब कोई पुलिस मुलाजिम से आपका सामना हो तो आप उसके साथ बिना किसी डर से संपर्क साथ सकें।

चंडीगढ़ पुलिस के सीनियर अधिकारी करते हैं समावेश की देखरेख…

एक वैरीफिकेशन के सिलसिले में आए समावेश टीम के इंचार्ज हरीश पांडे ने यह भी बताया कि वह अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करते हैं और अपने अधिकार क्षेत्र के 8 थानों से जुड़े हुए लोगों को हर सुविधा बिना किसी परेशानी से मुहैया कराने की कोशिश करते हैं। समावेश को लेकर चंडीगढ़ पुलिस की डीएसपी ओर समावेश को और बेहतर करने के लिए अपने मुलाजिमों की निगरान मैडम सीता से भी इस बारे में बात करने की कोशिश की गई, लेकिन किन्हीं कारणों से उनसे इस बारे में और जानकारी प्राप्त नहीं कर पाए, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी समावेश को लेकर और बेहतरी से काम कर रहे हैं।

देखिए क्या कहना है लोगों का…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here