पंजाब पुलिस एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के बारे में जागरूकता कर रही है पैदा: आइजीपी सुखचैन गिल
खबर खास, चंडीगढ़:
प्रदेश पुलिस ने एक सप्ताह में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एन.डी.पी.एस.) एक्ट के अंतर्गत 24.08 किलो हेरोइन, 10 किलो अफीम और 20.72 लाख रुपए की ड्रग मनी समेत 302 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में यहां आयोजित एक पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए आइजीपी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि आरोपियों से इसके अलावा 1.57 क्विंटल भुक्की और फार्मा ओपीआर्डज की 1.05 लाख गोलियां भी बरामद की गईं हैं।
आईजीपी गिल ने कहा कि जैसे कि राज्य सरकार द्वारा राज्य से नशों के ख़ात्मे के लिए तीन स्तरीय रणनीति-एंफोर्समैंट, रोकथाम और पुनर्वास-लागू की गई है, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाल ही में हुई समीक्षा बैठक के दौरान समूह सीपीज़/एसएसपीज़ को हिदायत की कि वह फील्ड में जाकर गाँव की ‘पंचायतों’ में सार्वजनिक मीटिंगें करें, जिससे नशों के बारे में प्राथमिक जानकारी प्राप्त की जा सके, जिससे अपराध को रोकने और नशों के ख़ात्मे में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सीपीज/एसएसपीज को नशों के विरुद्ध जागरूकता गतिविधियों में विस्तार करने, अपने अधिकार क्षेत्र में छोटे फ्लैग मार्च करवाने और समाज के प्रमुख व्यक्तियों के साथ समय-समय पर बैठकें करने के लिए भी कहा गया है। जि़क्रयोग्य है कि पिछले 10 दिनों के दौरान पंजाब पुलिस द्वारा नशों के बुरे प्रभावों संबंधी लोगों को जागरूक करने के लिए 13 बड़े समागमों समेत कम से कम 175 जागरूकता समागम करवाए गए हैं।
आईजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस एनडीपीएस एक्ट की धारा 64 ए, जो कुछ ग्राम हेरोइन या नशीले पाउडर समेत पकड़े गए नशीले पदार्थों के आदी को पुनर्वास के लिए अवसर प्रदान करती है, के बारे में प्रचार और जागरूकता पैदा कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों में एक गलत धारणा है कि धारा 64 ए के अंतर्गत लम्बे समय के लिए कानूनी रूप से परेशान होना पड़ेगा। परन्तु हकीकत यह है कि नशे की थोड़ी मात्रा के साथ पकड़े गए नशों के आदी के पास स्व-इच्छा से नशा छोडऩे के लिए डॉक्टरी इलाज करवाने का अवसर होता है, और इसके लिए लम्बे समय के लिए कानूनी रूप से परेशान नहीं होना पड़ेगा।
इस रणनीति के हिस्से के तौर पर, मुख्यमंत्री ने संभावित गठजोड़ को तोडऩे के लिए निचले रैंक के पुलिस अधिकारियों, जो लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं, के तबादले करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जि़ला प्रमुखों को पहले ही ऐसे पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची बनाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सी.पी./एस.एस.पीज और अन्य फील्ड अधिकारियों को अपने तबादलों के मौके पर अपने अधीन अमले को अपनी तैनाती के नए स्थान पर लेकर जाने के लिए भी रोक लगाई गई है।
आईजीपी ने कहा कि सरकार ने पीओज़ को तीन श्रेणियों में बाँटने का फ़ैसला किया है, श्रेणी ए में 10 साल से अधिक सज़ा वाले पीओज़, श्रेणी बी में 7 साल से अधिक सज़ा वाले और श्रेणी सी में 7 साल से कम सज़ा वाले पीओज़ शामिल हैं, जिससे कट्टर अपराधियों पर नकेल कसी जा सके।
उन्होंने कहा कि फिरौती की कॉल के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करते हुए पंजाब पुलिस द्वारा 130 एफआईआर दर्ज की गई हैं, और फिरौती की कॉल में शामिल 117 मुलजि़मों को गिरफ़्तार किया गया है, जिस कारण राज्य में फिरौती मांगने सम्बन्धी घटनाओं में कमी आई है।
जि़क्रयोग्य है कि पिछले सप्ताह एनडीपीएस मामलों में 10 और पीओज़/भगौड़ों की गिरफ़्तारी के साथ, 5 जुलाई, 2022 से पीओज़/भगौड़ों को गिरफ़्तार करने के लिए चलाई गई विशेष मुहिम के अंतर्गत गिरफ़्तारियों की कुल संख्या अब 1186 तक पहुँच गई है।