नगर एवं आयोजना और शहरी संपदा मंत्री जेपी दलाल ने की घोषणा
पुरानी कॉलोनियों में भी शर्तों के साथ स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को दी गई अनुमति
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के नगर एवं आयोजना और शहरी संपदा मंत्री श्री जे पी दलाल ने आज घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेशभर में राज्य सरकार द्वारा अब स्टिल्ट प्लस चार मंजिल (एस+4) निर्माण को अनुमति दी गई है। पुरानी कॉलोनियों में भी शर्तों के साथ एस+4 के निर्माण को अनुमति दी गई है। सरकार के इस निर्णय से आम जनता को काफी फायदा होगा। दलाल आज यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्टिल्ट+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियों/सेक्टरों में स्थित आवासीय भूखंडों के लिए बिना किसी शर्त के दी जाएगी, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है। इसके अलावा, पहले से ही लाइसेंस प्राप्त दीन दयाल उपाध्याय जन आवास योजना कॉलोनियों में, जहां प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के लिए सेवा योजना अनुमोदित/संशोधित हो, वहां भी एस+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
दलाल ने कहा कि ऐसी कॉलोनियों और सेक्टरों में, जहां लेआउट प्लान प्रति प्लॉट तीन आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों, जिनके पास 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क है, उनमें भी कुछ शर्तों के साथ स्टिल्ट+4 मंजिल के निर्माण की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि ऐसी कॉलोनियों में, जहां व्यक्ति अब एस+4 का निर्माण करना चाहता है, तो उस स्थिति में मालिक को पहले पड़ोसियों से सहमति प्राप्त करनी होगी। यदि पड़ोसी सहमति प्रदान नहीं करते हैं तो वह व्यक्ति साथ लगते मकान से सभी मंजिलों के लिए 1.8 मीटर की जगह (साइड सेटबैक) छोड़कर एस+4 का निडर्माण कर सकता है। हालांकि सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि पड़ोसी एस+4 के निर्माण के लिए अपनी सहमति नहीं देता है, तो वह स्वयं भी भविष्य में एस+4 का निर्माण करने के लिए अपात्र होगा।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्लॉट पर पहले से 3 मंजिल व बेसमेंट बनाने की अनुमति है तथा अब स्टिल्ट+4 निर्माण की अनुमति ली गई है, तो बेसमेंट के निर्माण और कॉमन दीवार पर भार का डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, ऐसे मामलों में आसपास के प्लॉट मालिकों की आपसी सहमति से बेसमेंट के निर्माण और कॉमन दीवार पर भार डालने की अनुमति होगी। इसके अलावा, यदि बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन और निर्माण के लिए आवासीय प्लॉटों की पूरी पंक्ति को एक बार में बनाया जाता है, तो कॉमन दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी। किसी भी स्थिति में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के प्लॉटों पर बेसमेंट के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि संबंधित एजेंसियों द्वारा एस+4 के अनुमोदन की एवज में 1178.95 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित हुई, जिनमें नगर एवं ग्राम आयोजना द्वारा 689.8 करोड़ रुपये, एचएसवीपी द्वारा 466.3 करोड़ रुपये, एचएसआईआईडीसी द्वारा 2.62 करोड़ रुपये, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 20.23 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। इस राशि का उपयोग सभी सेक्टरों/कॉलोनियों के आधारभूत संरचना में वृद्धि करने के लिए किया जाएगा।
हालांकि, जहां निर्माण के समय साथ लगते भूखंड स्वामियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी, तो शिकायतकर्ता से पारस्परिक समझौते / सहमति प्रस्तुत करने के लिए एक और अवसर दिया जाएगा। यदि आवेदक शिकायतकर्ता की सहमति प्रदान करने में असमर्थ रहता है, तो मामले का निर्णय स्पीकिंग ऑर्डर पारित करके किया जाएगा। ऐसे कंपोजिशन ऑफ ऑफेंस की अनुमति ‘बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के बिना किए गए निर्माण और हरियाणा बिल्डिंग कोड के प्रावधानों के अनुरूप निर्माण’ के लिए निर्धारित दर से 10 गुणा अधिक कंपोजिशन फीस वसूलने के बाद दी जा सकती है।
250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए पीडीआर की दरों में कही गई 25 प्रतिशत की वृद्धि
दलाल ने बताया कि पहले 2.5 मंजिल के निर्माण के साथ एफएआर की अनुमति मिलती थी। उसके बाद यदि मालिक तीसरी या चौथी मंजिल बनाना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त राशि का भुगतान कर एफएआर की मंजूरी लेनी पड़ती है। अब सरकार ने 250 वर्ग मीटर से अधिक और 350 वर्ग मीटर तक के प्लॉट के लिए निर्धारित दरों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।