खबर खास, नई दिल्ली / चंडीगढ़ :
संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान पंजाब के अधिकारों की आवाज उठाई। उन्होंने राष्ट्रपति अभिभाषण पर बहस में हिस्सा लेते हुए पंजाब का नाम तक नहीं लेने पर खेद व्यक्त किया।
मीत हेयर ने देश की आजादी के लिए पंजाबियों के 80 फीसदी बलिदान से लेकर विभाजन की पीड़ा, किसानों द्वारा देश का अन्न भंडार भरने, सीमा पर सैनिकों की शहादत और खेलों विशेषकर ओलंपिक में पंजाबियों के योगदान का जिक्र किया। मीत हेयर में हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर, निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, अर्शदीप सिंह का जिक्र किया
मीत हेयर ने पंजाब यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल द्वारा पंजाबियों के बलिदान का जिक्र करते हुए केंद्र द्वारा पंजाब के साथ भेदभाव करने और पड़ोसी राज्यों को कर रियायतें देकर पंजाब के उद्योगों पर दबाव बनाने की बात कही। मीत हेयर ने पंजाब के आरडीएफ सहित 8,000 करोड़ रुपये के रोके फंड को जारी करने की मांग की। मीत हेयर ने केंद्रीय एजेंसियों के जरिए अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, हेमंत सोरेन सहित विपक्षी नेताओं को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना के पहले शहीद पंजाबी अमृतपाल सिंह थे जिन्हें हमारे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक करोड़ रुपये की सहायता दी थी।
मीत हेयर ने कर्मचारियों के पक्ष में बोलते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि पंजाबी एक गौरवशाली कौम है। वे भीख नहीं मांगते बल्कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते है। हमारे किसान को हरियाणा से आगे नहीं जाने दिया गया। मीत हेयर ने अपनी स्पीच की शुरुआत संगरूर के लोगों को धन्यवाद देकर की।