खबर खास, शिमला :
सीटू राष्ट्रीय जनरल काउंसिल के आह्वान पर ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल, मल्टी टास्क, मल्टी पर्पज व फिक्स टर्म कर्मियों की मांगों को लेकर सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किए गए। प्रदेशभर में हुए प्रदर्शनों में हजारों मजदूरों ने भाग लिया। शिमला के डीसी ऑफिस पर हुए प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम समेत विभिन्न संस्थानों के ठेका कम्रचारियों, आउटसोर्स कर्मियों, तहबजारी, मिड डे मील, गाइड यूनियन आदि से जुड़े मजदूरों ने भारी संख्या में भाग लिया।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों व प्रतिष्ठानों, निजी तथा सरकारी सेवाओं में कार्यरत ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल ,मल्टी टास्क, मल्टी पर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों को आमतौर पर समान और एक जैसा काम करने के बावजूद नियमित मजदूरों से बहुत कम वेतन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को कानूनी रूप से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा एवं आय लाभों से वंचित रखा जाता है। इतना ही नहीं उनकी भर्ती में राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों व कपंनियों में कमीशनखोरी बढ़ने से कर्मचारियों का शोषण बढ़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार के पिछले दस वर्ष के कार्यकाल में स्थाई नौकरियों में भारी कटौती हुई है तथा कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स, फिक्स टर्म प्रणाली पर रोजगार का बोलबाला बढ़ा है। इस से कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा खतरे में पड़ी है। हिमाचल प्रदेश की भूतपूर्व भाजपा सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने का वायदा कर इन्हें ठगती रही व वर्तमान कांग्रेस सरकार भी इन कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन रही है व इन्हें नौकरी से निकालने की साजिश रचती रही है।
उन्होंने मांग की है कि ठेका, आउटसोर्स कैजुअल मल्टी टास्क, मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मज़दूरों के लिए श्रेणी अनुसार न्यूनतम वेतन लागू किया जाए। प्रदेश में ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल, मल्टी टास्क, मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मज़दूरों को नियमित करने के लिए तुरन्त ठोस नीति बनाई जाए। ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल, मल्टी टास्क, मल्टी पर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों को सुप्रीम कोर्ट के 26