खबर खास, शिमला :
‘पिछले दिनों मेरी ओर से दिए बयान को कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक व साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।’ यह कहना है लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह का। उन्होंने कहा कि पार्टी विचारधारा व हिमाचल प्रदेश के हित उनके लिये सर्वोपरि है। वह सोमवार को यहां हॉलीलॉज में पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देशभर में रेहड़ी फड़ी वालों के लिए कानून बना है। प्रदेश में भी रेहड़ी फड़ी का कानून है। समय समय पर इस कानून में संसोधन हुए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह कानून सही ढंग से लागू हो, सबके हितों की रक्षा हो इसके लिये प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति में वह भी शामिल है और इसकी बैठक 3 अक्टूबर को निर्धारित की गई है जिसमें इस कानून को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह दिल्ली पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रेलवे के अध्यक्ष के साथ एक बैठक को गए थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के समीप रेलवे की भूमि से ओवरब्रिज का निर्माण पिछले काफी समय से लंबित पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब बैठक के बाद रेलवे ने ओवरब्रिज के निर्माण की अनुमति प्रदेश सरकार को दे दी है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी नेताओं से मिलना एक नियमित प्रक्रिया होती है ,ऐसे में यह कयास लगाया जाना कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें समन किया है पूरी तरह निराधार है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है और पार्टी की नीतियों व विचारधारा से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उन्होंने पार्टी आलाकमान के नेताओं से प्रदेश के विभिन्न मसलों के साथ साथ विकास के मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनके पिता स्व.वीरभद्र सिंह ने आपसी भाईचारे व प्रेम का जो पथ उन्हें सिखाया है उस पर वह निरंतर चलते है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उन्होंने सदैव ही प्रदेशहित व जनहित को सर्वोपरि मानते हुए उन्हें हर मंच पर उठाया है।
दिवंगत वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के लिए रिज मैदान में भूमि चयन पर जताई खुशी
विक्रमादित्य सिंह ने शिमला नगर निगम द्वारा प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के लिए रिज मैदान पर भूमि चयन करने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान प्रदेश की जनभावना का है। उन्होंने कहा एक ओर जहां डॉक्टर यशवंत सिंह परमार हिमाचल के निर्माता के तौर पर याद किये जाते है वहीं दूसरी ओर वीरभद्र सिंह प्रदेश के आधुनिक हिमाचल के निर्माता के तौर पर हमेशा याद रखें जाएंगे। उन्होंने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।