गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में दो अत्याधुनिक जल गुणवत्ता प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, जिससे जल गुणवत्ता परीक्षण और निगरानी की क्षमता में वृद्धि हुई है
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा केंद्र सरकार ने अटल भूजल योजना (ए.बी.वाई.) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रदेश की सराहना की है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के 14 जिलों के 36 खंडों की 1,647 ग्राम पंचायतों में भूजल पुनर्भरण को बढ़ाना, जल उपयोग दक्षता में सुधार करना और सतत जल प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहन देना है।
प्रसाद ने आज यहां अटल भूजल योजना की राज्य अंतर विभागीय संचालन समिति (एस.आई.एस.सी.) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। बैठक में 184.24 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन उपयोग योजना को मंजूरी दी गई।मुख्य सचिव ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को आगामी मानसून सीजन के दौरान बारिश के अतिरिक्त पानी का उचित भंडारण और उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने बैठक में बताया कि पिछले मानसून सीजन के दौरान अतिरिक्त वर्षा जल का 50 प्रतिशत उपयोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किया गया। बैठक के दौरान बताया गया कि 184.24 करोड़ की प्रोत्साहन उपयोग योजना में से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को 122.09 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें नदी तल पुनर्भरण, तालाब पुनर्भरण और भंडारण टैंकों, जलाशयों, इंजेक्शन वैल, रिचार्ज बोरवेल, डग वैल के निर्माण और चेक डैम के जीर्णोद्धार या कायाकल्प पर केंद्रित 48 परियोजनाओं के लिए 96.30 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
इसके अतिरिक्त, जल उपयोग दक्षता और प्रबंधन को बढ़ाने के लिए 4,000 एआई और आईओटी सक्षम पंप कंट्रोलर्स की स्थापना के लिए भी 16.79 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। वास्तविक समय पर भूजल निगरानी की सुविधा के लिए 178 पीजोमीटर के निर्माण और डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर (डी.डब्ल्यू.एल.आर.) की स्थापना के लिए 9.00 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसी तरह, सूक्षम सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मिकाडा) को 62.15 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें गोठड़ा मोहब्बताबाद गांव में झरना मंदिर और गांव पावटा (खिन्नी वाली) जैसे रणनीतिक स्थानों पर वर्षा जल संचयन और रिसाव टैंकों के निर्माण के अलावा गोठड़ा मोहब्बताबाद में सीता खोली में वाटरशेड के विकास के लिए 13.69 करोड़ रुपए, 300 बोरवेल के माध्यम से नहर के पानी का उपयोग करके कृत्रिम भूजल पुनर्भरण के लिए 20.11 करोड़ रुपए, अत्यधिक दोहन वाले खंडों में नहर की सीमाओं के साथ सिंचाई आउटलेट पर 100 कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण के लिए 5.71 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, नांगल चैधरी ब्लॉक के विभिन्न गांवों में 10 नहर भंडारण टैंकों पर सौर ऊर्जा संचालित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए 22.64 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। की क्षमता बढ़ गई है।